रूबी स्टोन

रूबी स्टोन सूर्य ग्रह का प्रतिनिधित्व करने वाला रत्न है, जब कुंडली में सूर्य की कमजोर दशा होती है तब रूबी स्टोन धारण किया जाता है।

नवग्रह और उनके नवरत्न

नवग्रहों के रत्नों का ज्योतिष में विशेष महत्त्व है, जिनमे चंद्र का रत्न मोती, सूर्य का रत्न माणिक, मंगल का रत्न लाल मूंगा, ब्रहस्पति का रत्न पुखराज, बुध का रत्न पन्ना, शनि का रत्न नीलम, शुक्र का रत्न हीरा, राहु का रत्न गोमेद और केतु का रत्न लहसुनियां है,

इन्हीं ९ रत्नों का सम्बन्ध नवग्रहों से है जिन्हें धारण करके लाभ लिया जाता है,
आज इस लेख में हम बात करने जा रहे है रूबी स्टोन की जिसे हिंदी में ‘माणिक’ कहा जाता है, रूबी स्टोन सूर्य का प्रमुख रत्न है, सूर्य ग्रह को नवग्रहों के राजा का दर्जा प्राप्त है, सूर्य इतना बलवान है की जब कोई ग्रह सूर्य के अधिक नजदीक आ जाता है तो वह ग्रह अपना पूर्ण प्रभाव खो देता है, इसी सूर्य ग्रह का रत्न है “रूबी स्टोन”

रूबी स्टोन धरती के अंदर से प्राप्त होनेवाला खनिज रत्न है, इसकी कठोरता ९ की होती है जो की हीरे के बाद की होती है, हीरे की कठोरता १० होती है, जिसे धरती का सबसे कठोर रत्न बोला जाता है,
रूबी स्टोन अपनी कठोरता की वजय से बहुत सुन्दर, चमकदार और पारदर्शी होता है, रूबी स्टोन कोरंडम प्रजाति का रत्न होता है, कोरन्डम प्रजाति के पत्थर में २ रंग के पत्थर प्राप्त होते है एक तो नीला जिसे नीलम बोला जाता है दूसरा लाल जिसे माणिक बोला जाता है।

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रूबी स्टोन और सूर्य ग्रह

किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है, कुंडली में अगर सूर्य कमजोर पड़ जाता है तो अन्य बाकी ग्रह भी अपने पुरे लाभ देने में असमर्थ हो जाते है, इसलिए कुंडली में सूर्य का शुभ और बलवान होना बहुत जरुरी होता है,
सूर्य व्यक्ति के जीवन में उनत्ति, सामाजिक सम्मान, पैतृक संपत्ति, संतान सुख, धन, प्रसिद्धि, सरकारी संस्थानों का स्वामी होता है इसलिए अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य बलहीन हो जाता है तो उसे इन सब सुखों की कमी होने लगती है,

ऐसी स्तिथि में कुंडली में सूर्य की स्तिथि का अध्यन करते हुए सूर्य का रत्न ‘रूबी स्टोन’ धारण करने की सलाह दी जाती है।

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रूबी स्टोन किसे धारण करना चाहिए

  • अगर सूर्य दूसरे, पांचवे, नवें, दसवें, ग्यारहवें भाव में हो तो माणिक धारण करना बहुत लाभकारी होता है।
  • अगर जन्म पत्रिका में सूर्य पाप ग्रह शानि, राहु या केतु के साथ बैठा है तो माणिक जरूर धारण करना चाहिए।
  • अगर कुंडली में सूर्य अपनी उच्च की अवस्था में है तो माणिक धारण करना चाहिए।
  • अगर कुंडली में सूर्य निर्बल है तो माणिक जरूर धारण करना चाहिए।
  • जिनकी जन्म कुंडली में सूर्य कमजोर या पाप ग्रहों से पीड़ित हो उन व्यक्तियों को माणिक धारण करना बहुत जरुरी होता है।
  • जिन जातकों की कुंडली में सूर्य नीच का हो जाये उन जातकों को भी कुंडली में सूर्य की स्तिथि को देखते हुए माणिक धारण करना जरुरी होता है।
  • जो व्यक्ति सरकारी नौकरी के प्रयास कर रहे है उन्हें भी माणिक धारण करने से लाभ मिलता है।
  • जो व्यक्ति सरकारी ठेकों या कार्यो से जुड़े हुए है उनके लिए भी माणिक बहुत लाभकारी रत्न साबित होता है।
  • सरकारी कर्मचारी, उच्च अधिकारी, राजनेता, दवाई कारोबारी, डॉक्टर(हृदय/नेत्र/रक्तः से सम्बंधित), प्रशासनिक कार्यो से जुड़ा व्यक्ति, जवाहरात व्यवसाई आदि कार्यो से जुड़े व्यक्तियों को भी माणिक बहुत लाभ प्रदान करता है।
  • जो व्यक्ति प्रेम सम्बन्धो में सफलता प्राप्त करना चाहते है उन्हें माणिक धारण से सफलता प्राप्त होती है।

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रूबी स्टोन किन व्यक्तियों को लाभ देता है

  • मेष, सिंह, वृश्चिक, और धनु लग्न के जातकों के लिए रूबी स्टोन धारण करना बहुत शुभ और लाभकारी होता है।
  • द्वितीय स्थान में बैठा सूर्य धन, नौकरी और कारोबार में बाधा उत्पन्न करनेवाला होता है, ऐसे व्यक्तियों को माणिक धारण करना चाहिए।
  • लग्न में बैठा सूर्य संतान बाधक और अल्पसंतति और स्त्री कष्टकारी होता है, ऐसे व्यक्तियों माणिक धारण करना चाहिए।
  • चतुर्थ भाव में सूर्य की उपस्थिति आजीविकाओं बाधा उत्पन्न करता है, ऐसे व्यक्तियों को माणिक धारण करने से अच्छा लाभ हो सकता है।
  • यदि कुंडली में सूर्य नवम भाव या दशम भाव का स्वामी होकर अष्ठम भाव में बैठा है तो ऐसे व्यक्ति को माणिक जरूर धारण करना चाहिए।
  • यदि कुंडली में सूर्य अष्ठम भाव का स्वामी होकर पंचम अथवा नवम भाव में बैठा हो ऐसे व्यक्तियों को माणिक जरूर धारण करना चाहिए।
  • सप्तम भावस्थ सूर्य दाम्पत्य जीवन और स्वास्थय के लिए हानिकारक होता है, ऐसे व्यक्तियों को कुंडली का विश्लेषण करके माणिक धारण करना चाहिए।
  • अगर कुंडली में सूर्य द्वितीय या द्वादश भाव में स्तिथ है तो आंखो के लिए कष्टकारी होता है, ऐसे व्यक्तियों को माणिक धारण करने से नेत्र रोगों में लाभ मिल सकता है।
  • सरकारी नौकरी या सरकारी कार्यो से लाभ लेने वाले व्यक्तियों को माणिक धारण करने से उनके कार्य पूर्ण होते है।
  • राजनीती से जुड़े लोगों को माणिक धारण करने से सामाजिक प्रसिद्धि प्राप्त होती है।
  • अगर आप नेता है तो माणिक धारण करने से नेतृत्व क्षमता बढ़ती है।
  • जिन व्यक्तियों को हृदय से संबधित परेशानियां हो ऐसे व्यक्तियों को भी माणिक धारण करने से लाभ मिलता है।
  • हड्डियों के रोगों से परेशान व्यक्ति को माणिक धारण से बहुत लाभ मिलता है।
  • जो व्यक्ति डिप्रेशन में चले जाते है और उनका आत्मविश्वास जीरो हो जाता है ऐसे व्यक्तियों के मनोबल और आत्मविश्वास को बढ़ाता है माणिक।

रूबी स्टोन धारण करने से लाभ

  • रूबी स्टोन धारण करने से कमजोर, निर्बल और पाप प्रभावित सूर्य मजबूत, ताकतवर और शुभ होता है।
  • माणिक धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सूर्य की शुभता आती है।
  • व्यक्ति अपने जीवन में यश और प्रसिद्धि की प्राप्ति करता है।
  • धन लाभ और आर्थिक उनत्ति बढ़ती है, व्यक्ति का आत्मबल बहुत बढ़ जाता है।
  • व्यक्ति को सरकारी कार्यो सफलता प्राप्त होने लगती है।
  • पारिवारिक और वैवाहिक खुशियों के साथ व्यक्ति शारीरिक रूप से भी बहुत मजबूत हो जाता है।

लग्न के अनुसार रूबी स्टोन धारण

मेष लग्न

मेष लग्न के जातकों के लिए माणिक धारण करना बहुत लाभकारी है, मेष लग्न के जातकों के लिए माणिक उनत्तिवर्धक, संतान सुख, धन आगमन, शिक्षा में लाभ, मांगलिक कार्यो की सम्पनता प्रदान करनेवाला है।

वृष लग्न

वृष लग्न के जातकों के लिए माणिक धन, मकान और संपत्ति का स्वामी है, वृष लग्न के जातक सूर्य की महादशा में माणिक धारण करके लाभ उठा सकते है।

मिथुन लग्न

मिथुन लग्न के जातकों के लिए सूर्य मारक भाव का स्वामी है, केवल परिश्रम कराएगा, इसलिए मिथुन लग्न के जातकों को माणिक कभी भी धारण नहीं करना चाहिए।

कर्क लग्न

कर्क लग्न के जातकों के लिए सूर्य धन का स्वामी है, कर्क लग्न के जातकों को माणिक धारण करने से धन लाभ होता है।

सिंह लग्न

सिंह लग्न के जातकों के लिए सूर्य उनका लग्न स्वामी है, सिंह लग्न के जातकों को तो अपने स्वामी ग्रह का रत्न जीवन भर धारण करके उनत्ति और लाभों की प्राप्ति करनी चाहिए।

कन्या लग्न

कन्या लग्न के जातकों के लिए सूर्य धन का नाश और स्वास्थय को नुकसान करनेवाला है इसलिए कन्या लग्न के जातकों को माणिक कभी नहीं धारण करना चाहिए।

तुला लग्न

तुला लग्न के जातकों के लिए सूर्य लाभ का स्वामी है, तुला लग्न के जातक अपनी कुंडली की स्तिथि के अनुसार माणिक धारण कर सकते है।

वृश्चिक लग्न

वृश्चिक लग्न के जातकों के लिए सूर्य उनके कारोबार, नौकरी और प्रसिद्धि का स्वामी है, वृश्चिक लग्न के जातकों को माणिक जरूर धारण करना चाहिए।

धनु लग्न

धनु लग्न के जातको के लिए सूर्य भाग्य और धन का स्वामी है, धनु लग्न के जातकों को माणिक जीवनभर धारण करते हुए लाभ लेना चाहिए।

मकर लग्न

मकर लग्न के जातकों के लिए सूर्य बर्बादी और अस्वस्थता का स्वामी है, इसलिए मकर लग्न के जातकों को माणिक कभी भी धारण नहीं करना चाहिए।

कुंभ लग्न

कुंभ लग्न के जातकों के लिए सूर्य विवाहिक जीवन और कारोबार का स्वामी है, अगर जातक का वैवाहिक जीवन अच्छा है, तो कारोबार से लाभ प्राप्त करने के लिए कुंभ लग्न के जातक सूर्य की महादशा में माणिक धारण कर सकते है।

धनु लग्न

धनु लग्न की कुंडली में सूर्य कर्ज, नौकरी में दिक्कत और क़ानूनी समस्याओं का स्वामी है, इसलिए धनु लग्न के जातकों को कभी भी माणिक धारण नहीं करना चाहिए।

रूबी स्टोन कब धारण नहीं करें

मिथुन, कन्या, तुला, मकर और मीन लग्न के जातकों को माणिक धारण नहीं करना चाहिए।
शनि प्रधान कुंडली या फिर जो व्यक्ति शनि से सम्बंधित कारोबार से जुड़े हो ऐसे व्यक्तियों को माणिक धारण नहीं करना चाहिए।
अगर जन्म कुंडली में सूर्य अशुभ भाव का स्वामी होकर नीच का होकर बैठा हो तो माणिक धारण नहीं करना चाहिए।

रूबी स्टोन धारण करने की विधि

रूबी स्टोन रविवार के दिन सूर्योदय के बाद शुभ मुहूर्त देखते हुए पूर्ण विधि-विधान से पूजा और सूर्य मंत्रो का जाप करने के बाद ही रूबी स्टोन की रिंग या लॉकेट धारण करना चाहिए,
रूबी स्टोन दाग रहित और कही से टूटा नहीं होना चाहिए, रूबी स्टोन को केवल अनामिका ऊँगली में धारण करना चाहिए, अंगूठी तांबे, सोने, अष्टधातु या पंचधातु की होनी चाहिए।

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