नीलम अपने प्रभाव तुरंत देने वाला रत्न है, यह प्रभाव अच्छे और बुरे भी हो सकते है, इसलिए नीलम धारण में सावधानी रखें, आइये जाने नीलम पहनने से क्या लाभ होता है?
Read Also: आपका भाग्यशाली रत्न
नीलम
नीलम शनि का रत्न है जिन व्यक्तियों की कुंडली में शनि शुभ भाव का स्वामी होता है उन व्यक्तियों को नीलम पहनने से लाभ होता है, ऐसे जातकों को नीलम पहनना शुभ फलदायक होता है।
कभी भी नीलम धारण करने से पहले परिक्षण जरूर कर लें, ज्योतिष में ऐसी मान्यता है की नीलम जहां एक शुभ रत्न है वहीं इसके बहुत दुष्प्रभाव भी है, अगर नीलम किसी को सूट नहीं करे तो वह धारणकर्ता का सत्यानाश भी कर देता है,
ऐसे भी बहुत से उदहारण देखने को मिले है की कुंडली में शनि शुभ भावों का स्वामी होने के बावजूद भी नीलम धारण करने से हानि हुई है,
ऐसा भी माना जाता है की नीलम अपने प्रभाव बहुत जल्दी दिखा देता है, 2, 4 दिन में या कभी कभी कुछ घंटो में भी, इसलिए जब भी नीलम धारण करने जाए पहले उसका परिक्षण कर लेना बहुत आवश्यक होता है।
परीक्षण करने के लिए नीलम को पहले गंगाजल से शुद्ध कर लें, फिर शनि मंत्रो का जाप करके नीलम को नीले कपडे में बांध ले, अब इस कपडे को अपनी दाहिनी भुजा पर बांध ले, यह निश्चित कर ले की नीलम को चारों तरफ से सिल लिया है जिससे की वह निकल कर गिरे नहीं।
अब इस नीलम को अपनी भुजा पर कम से कम 5 या 7 दिन बांधे रखें और ध्यान दे की रात को आपको कोई बुरा या डरावना स्वप्न तो नहीं आया, किसी प्रकार की दुर्घटना तो नहीं हुई, कहीं किसी प्रकार का कोई रोग तो उत्पन्न नहीं हुआ,
अगर ऐसा कुछ भी नहीं है तो समझ ले की नीलम आपके लिए अनुकूल है।
Read Also: चेहरे की सुंदरता कैसे बनाये रखें
नीलम पहनने से क्या लाभ होता है?
नीलम धारण करने से जीवन में सुख-समृद्धि और बरकत आती है, व्यक्ति को सुख, वैभव और धन-संपदा की प्राप्ति होती है, व्यक्ति की कार्यशैली निखरती है, मानसिक मजबूती और सोचने की क्षमता बढ़ती है।
शनि की दृष्टि, शनि की साढ़े साती और ढैया में नीलम धारण करने से लाभ होता है।
नीलम पहनने से व्यक्ति बुरे प्रभावों, जादू-टोन, नजरदोष से दूर रहता है, उसपर इनका प्रभाव नहीं होता।
कुंडली में अगर शनि कमजोर, पीड़ित, नीच या सूर्य से अस्त हो तो नीलम पहनने से लाभ होता है।
इंजीनियर, कृषि व्यवसाई, किसान, सफाई कर्मचारी, लोहा व्यापारी, तेल, कोयला, टायर, मशीनरी कारोबारी, ट्रांसपोर्टर, ठेकेदार, इंडस्ट्री, खुदाई कार्य करने वाले, अस्थि रोग डॉक्टर आदि जैसे कार्यो से जुड़े लोगों को नीलम पहनने से लाभ होता है।
नीलम पहनने से व्यक्ति बड़ा इंडस्ट्री वाला या किसी बड़े पद की प्राप्ति या किसी संस्था का प्रमुख हो सकता है।
Read in marathi : पुष्कराज रत्न माहिती मराठी
नीलम पहनने से इंजीनियरिंग की शिक्षा में सफलता के योग बनते है।
नीलम पहनने से व्यक्ति के जीवन के पारिवारिक और आर्थिक संकट ख़त्म होने लगते है।
नीलम पहनने से व्यक्ति को नौकरी और कारोबार में सफलता मिलने लगती है और आर्थिक उनत्ति बढ़ने लगती है।
अगर आपका मन डरा हुआ रहता है, घबराहट और बैचनी रहती है तो नीलम पहनने से मन और दिल मजबूत होता है, कॉन्फिडेंस बढ़ता है।
ज्योतिष अनुसार अगर कुंडली में शनि निर्बल हो रहा है तो नीलम पहनने से लाभ होता है।
मकर और कुम्भ लग्न के जातकों का स्वामी है शनि, इन लग्न के जातकों को नीलम पहनने से बहुत लाभ मिलता है, इसके अलावा वृष, मिथुन, कन्या और तुला लग्न के जातकों के लिए भी नीलम लाभकारी रहता है।
नीलम कैसे धारण करें
नीलम धारण करने से पहले अपनी जन्म पत्रिका का ज्योतिष विश्लेषण जरूर करवा लेना चाहिए, नीलम धारण से पहले उसका परिक्षण और यह जान लेना बहुत जरुरी होता है की शनि की आपकी कुंडली में क्या स्तिथि
शनिवार को नीलम की अंगूठी बनवाकर मध्यमा ऊँगली में धारण करना चाहिए, धारण करने से पहले शनि मन्त्र “ऊँ शं शनैश्चराय नमः” का 108 बार जाप जरूर करें।
Read Also:
नीलम ! इस रत्न को धारण करने से बदल सकती है आपकी किस्मत।
ब्लू सफायर(नीलम ) की विशेषता,धारण करने से लाभ एव धारण विधि