किस रत्न को किस धातु की अंगूठी में धारण करें

साथियों ! इस पोस्ट में हम यह जानकारी प्राप्त करेंगे की किस रत्न को किस धातु की अंगूठी में धारण करने पर सर्वश्रेष्ठ और शुभ परिणाम प्राप्त होंगे, किस रत्न को किस धातु की अंगूठी में धारण करें

किस रत्न को किस धातु की अंगूठी में धारण करें

ऐसा नहीं है की हम कोई भी रत्न किसी भी धातु में धारण कर सकते है, हर रत्न की धातु निर्धारित है, हर धातु की अपनी तासीर रहती है, जैसे की चांदी और प्लैटिनम एक शांत और शीतल धातु है, वही तांबा अत्यंत गर्म धातु , पंचधातु और अष्ठधातु की तासीर कठोर और सोने को एक उच्चतम और मध्यम शीतलता प्रदान करने वाली धातु माना गया है।

अब रत्नों की बात करें तो मोती, हीरा और पन्ना शीतल प्रवृत्ति के रत्न है, माणिक्य और लाल मूँगा अत्यंत उष्ण रत्न है, पुखराज को आचार्य का दर्जा दिया गया है, नीलम भी एक शांत और मंद रत्न है और गोमेद और लहसुनियां कठोर और राक्षस प्रजाति के रत्न माने जाते है।

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इसलिए यह जरुरी हो जाता है की हर रत्न को उसकी धातु के अनुरूप धारण किया जाए, नहीं तो उसके परिणाम शुभ नहीं मिलेंगे, उद्धारण के तौर पर अगर शांत और शीतल रत्न मोती को तांबे, पंचधातु या अष्ठधातु में धारण किया जायेगा तो मोती उसमें अपनी शीतलता खो देगा या अगर माणिक्य, लाल मूंगा को चांदी में धारण किया जाए तो चांदी की शीतलता उनकी उष्णता को ठंडा कर देगी और नतीजे उलटे मिलने लगेंगे, यही कारण है की हर रत्न को उनकी तासीर के अनुसार ही धातु में धारण किया जाना चाहिए।

आइये अब जानें किस रत्न को किस धातु की अंगूठी में धारण करें

सूर्य के रत्न माणिक्य को तांबे में धारण करना सबसे श्रेष्ठ माना गया है, उसके अलावा माणिक्य को सोने, पंचधातु या अष्टधातु में भी धारण किया जा सकता है।

चंद्र के रत्न मोती को चांदी में ही धारण करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है, मोती के लिए अन्य कोई धातु उपयुक्त नहीं है।

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मंगल के रत्न लाल मूंगा उग्र और गर्म रत्न है, इसलिए लाल मूंगे के लिए तांबे की धातु सबसे उपयुक्त है, इसके अलावा लाल मूंगे को सोने, पंचधातु या अष्टधातु में भी धारण किया जा सकता है।

बुध का रत्न पन्ना के लिए चांदी की धातु सबसे उपयुक्त है, इसके अलावा पन्ना रत्न को सोने में भी धारण किया जा सकता है।

ब्रहस्पति के रत्न पीला पुखराज एक बहुत सम्मानित और उच्च दर्जे का रत्न है, पीले पुखराज की गुणवत्ता के अनुसार केवल सोने की धातु में ही धारण किया जाना चाहिए, अन्य धातु की बात की जाए तो पीला पुखराज अष्टधातु की अंगूठी में धारण किया जा सकता है।

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शनि ग्रह के रत्न नीलम के लिए सर्वप्रथम लोहे की धातु या घोड़े की नाल निर्धारित है, लेकिन लोहे की धातु में रत्न को जड़ना अत्यंत मुश्किल कार्य है जिसे बनाना संभव नहीं है, इसलिए शनि के रत्न नीलम को चांदी या प्लैटिनम में धारण करना चाहिए।

शुक्र का रत्न हीरा सफ़ेद, चमचमाता हुआ रत्न है, हीरे के लिए निर्धारित की गई मुख्य धातु प्लैटिनम है, इसके अलावा हीरा चांदी और 18 कैरट स्वर्ण में भी धारण किया जा सकता है।

राहु और केतु जैसे राक्षस और कठोर ग्रहों के लिए सबसे कठोर और गर्म धातु पंचधातु निर्धारित की गई है, इसलिए पंचधातु में गोमेद और लहसुनियां के सबसे उच्चतम परिणाम मिलते है, इसके अलावा गोमेद और लहसुनियां को चांदी में भी धारण किया जा सकता है।

धन्यवाद साथियों ! आज की इस पोस्ट से आपको यह जानकारी तो आवश्य प्राप्त हो गई होगी की किस रत्न को किस धातु की अंगूठी में धारण करें।

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