राशि रत्नों के बारे में तो आपने सुना ही होगा, ब्रह्माण्ड में १२ राशियां ब्रह्मण करती है और हर राशि का अपना अलग महत्त्व और प्रभाव होता है, राशि का मानव जीवन पर विशेष प्रभाव रहता है। हर राशि का अपना एक रत्न होता है, जिसे धारण करने से उस राशि के शुभ प्रभाव मानव जीवन में उनत्ति और तरक्की लाते है, आइये आज यही जानकारी प्राप्त करेंगे की राशि रत्न क्या है, कौन सा रत्न किस राशि के लिए फायदेमंद है।
राशि रत्न क्या है, कौन सा रत्न किस राशि के लिए फायदेमंद है
ज्योतिषशास्त्र में रत्नों को जीवन के कष्टों और संघर्षों को दूर करने के लिए धारण करने का विधान है, राशि रत्न धारण करने से जीवन के कष्ट दूर होते है, व्यक्ति जीवन में समस्त सुखों की प्राप्ति करता है, जीवन की रुकावटें दूर होती है और व्यक्ति के जीवन के उनत्ति और तरक्की आती है,
जब व्यक्ति अपने जीवन में नकारात्मकता का शिकार हो जाता है तो राशि रत्न उसके जीवन में सकारात्मकता लाते है और बुरी ऊर्जाओं को उससे दूर करते है।
12 राशियों के अपने अलग अलग रत्न है, आइये जानते है किस राशि का कौन सा रत्न है और हम यह भी जानेंगे की रत्न कितने प्रकार के होते है।
राशि रत्न क्या है
ज्योतिष के अनुसार ब्रह्माण्ड में 12 राशियां ब्रह्मण करती है, जो की क्रम अनुसार ऐसे है- मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ, मीन। इन 12 राशियों के अपने अपने रत्न है जैसे-
- मेष- लाल मूंगा
- वृष- हीरा
- मिथुन- पन्ना
- कर्क- मोती
- सिंह- माणिक्य
- कन्या- पन्ना
- तुला- हीरा
- वृश्चिक- लाल मूंगा
- धनु- पीला पुखराज
- मकर- नीलम
- कुंभ- नीलम
- मीन- पीला पुखराज
हर व्यक्ति के जन्म के समय इन 12 राशियों में से एक उदय रहती है, जिस व्यक्ति के जन्म के समय के समय जो राशि उदय रहती है, वही उस व्यक्ति की राशि होती है और उस राशि का प्रभाव उस व्यक्ति पर जीवनभर रहता है।
राशि रत्न का प्रभाव
आपको यह जानकारी तो प्राप्त हो गई होगी की राशि क्या है और हर राशि का व्यक्ति विशेष पर प्रभाव रहता है। आइए अब हर राशि और उसके रत्न के प्रभावों के बारे में जानकारी प्राप्त करते है।
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लाल मूंगा
मंगल मेष और वृश्चिक दो राशियों का स्वामी है और लाल मूंगा इन दोनों राशियों का शुभ और भाग्यशाली रत्न है, लाल मूंगा धारण करने से मेष और वृश्चिक राशि के जातकों का मनोबल और साहस बढ़ता है, व्यापार में सफलता प्राप्त होती है, जो मेष जातक हॉस्पिटल, पुलिस, सेना, अग्नि शमन, राजनीती, होटल व्यवसाय, प्रॉपर्टी डीलर, इंजीनियरिंग, जज, वकील, मांस विक्रेता आदि जैसे प्रोफेशन से जुड़े हुए है उन्हें लाल मूंगा धारण करने से लाभ होता है, कोर्ट ,कचहरी, मुकदमों में विजय प्राप्त होती है, दुश्मनों पर विजय प्राप्त होती है, दुर्घटना से बचाव होता है और मिर्गी, पीलिया या रक्त संबंधित रोग अगर हो तो दूर होते है।
हीरा
शुक्र भी दो राशियों वृष और तुला पर अपना अधिपत्य रखता है, हीरा वृष और तुला राशियों का रत्न है। इसलिए वृष और तुला राशि के जातकों का शुभ और भाग्यशाली रत्न हीरा होता है। वृष और तुला राशि के जातकों के भाग्य को पलटने की क्षमता रखता है हीरा, इन राशि के जातकों को हीरा अपने शुभ प्रभाव बहुत जल्दी देने लगता है। हीरा धारण करने से वृष और तुला राशि के जातकों की उनत्ति और तरक्की होती है, जीवन के सभी सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। उनके चेहरे का तेज और सुंदरता बढ़ती है, पुरुष जातकों की पौरुष शक्ति बढ़ती है।
कलाकार, अभिनेता, फिल्म और टीवी क्षेत्रों, मॉडलिंग, सौंदर्य प्रसाधन व्यवसाय, मनोरंजन क्षेत्र, गीत-संगीत, वैवाहिक कार्य, रेस्टोरेंट, होटल, कपडा व्यापारी, ड्रेस डिजाइनिंग, इंटीरियर डिजाइनिंग, फिल्म निर्माण, ज्वेलरी आदि जैसे क्षेत्रों से जुड़े वृष और तुला राशि के जातकों को हीरा बहुत अधिक फलता है।
पन्ना
बुध मिथुन और कन्या इन दोनों राशियों का स्वामी है, मिथुन और कन्या राशि का रत्न पन्ना है, इसलिए मिथुन और कन्या राशि के जातकों का शुभ और भाग्यशाली रत्न पन्ना होता है, हर मिथुन और कन्या राशि के जातक को अपनी भाग्यवृद्धि के लिए पन्ना रत्न जरूर धारण करना चाहिए।
पन्ना धारण करने से मिथुन और कन्या जातकों को व्यवसाय और नौकरी में उनत्ति और धन लाभ होता है, उनकी बौद्धिक क्षमता बढ़ती है, अगर मिथुन और कन्या राशि के जातक शिक्षा ग्रहण कर रहे है तो उन्हें शिक्षा में सफलता प्राप्त होती है, पन्ना धारण करने से गणित विषय में महारत हासिल होती है।
जो मिथुन और कन्या जातक शिक्षण संसथान, बैंक, रेलवे, शेयर मार्केट, कंप्यूटर कार्य, प्रिंटिंग व्यवसाय, टीवी एंकर, संपादन, प्रकाशन, लेखन, बीमा एजेंट, चार्टेड अकाउंटेंट, नगर निगम कर्मचारी, लेखा विभागों आदि जैसे क्षेत्रों से जुड़े हुए है, ऐसे मिथुन और कन्या राशि के जातकों को पन्ना रत्न अत्यंत लाभ प्रदान करता है।
पन्ना रत्न धारण करने से बुद्धि का विकास होता है, श्वास रोगों में लाभ होता है, हकलाहट और चर्म रोग दूर होते है।
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मोती
मोती कर्क राशि का रत्न है, कर्क राशि के जातकों का शुभ और भाग्यशाली रत्न है मोती, मोती धारण करने से कर्क राशि के जातकों को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की प्राप्ति होती है। उनका मनोबल और मानसिक शक्ति बढ़ती है।
जो कर्क राशि के जातक दुकानदारी, मनोचिकित्सक, डॉक्टरी, राजनीती, सरकारी नौकरी, टूर एंड ट्रैवेल्स, एयर हॉटेस्ट, व्यापार-व्यवसाय, दुग्ध, इम्पोर्ट एक्सपोर्ट, कला जगत और मिठाई व्यवसाय आदि जैसे क्षेत्रों से है उन्हें मोती बहुत शुभ फलदायक होता है।
श्वास रोग, गले के रोगों और दमा जैसे रोगों के लिए मोती बहुत लाभकारी रत्न है।
माणिक्य
माणिक्य सिंह राशि का रत्न है और सिंह राशि का स्वामी सूर्य ग्रह है इसलिए सिंह राशि के जातकों का शुभ और भाग्यशाली रत्न माणिक्य होता है। माणिक्य धारण करने से सिंह राशि के जातकों के सम्मान और प्रसिद्धि की वृद्धि होती है, आत्मविश्वास बढ़ता है, जीवन की सभी परेशानियां दूर होती है, अच्छा स्वास्थय मिलता है और सिंह जातक अपने जीवन में उनत्ति तरक्की और धन लाभ प्राप्त करते है।
माणिक्य राजयोगकारक रत्न है, माणिक्य धारण करने से राजनीती, प्रशासनिक कार्यों, सरकारी क्षेत्रों और नौकरियों में तरक्की होती है। जो सिंह राशि के जातक सरकारी संस्थानों, उच्च सरकारी पदों, न्यायाधीश, हृदय रोग विशेषज्ञ, सरकारी ठेकेदार, जौहरी, विदेशों से कारोबार करने वाले आदि जैसे क्षेत्रों से जुड़े हुए है उन्हें माणिक्य आवश्य धारण करना चाहिए।
पीला पुखराज
पीला पुखराज बृहस्पति का रत्न है और यह रत्न धनु और मीन राशि के जातकों का अत्यंत शुभ और भाग्यशाली रत्न है, पीला पुखराज अत्यंत लाभकारी, ज्ञान और सम्मान की वृद्धि करने वाला और धन लाभ कराने वाला रत्न है, धनु और मीन राशि के जातकों के लिए पीला पुखराज एक वरदान समान रत्न है, यह रत्न धारण करने वाले व्यक्ति को जीवन की शीर्ष ऊंचाइयों तक ले जाता है, कैरियर में सफलता, मान-सम्मान और धन-धान्य से परिपूर्ण करता है, उच्च शिक्षा करवाता है और विदेश में नौकरी के अवसर प्रदान करता है।
वक्ता, विद्वान, मिनिस्टर, शिक्षण संस्थानों, सरकारी नौकरी, विदेश से कारोबार, किसी संस्थान का मुखिया आदि क्षेत्रों से जुड़े सिंह राशि के जातकों को बहुत उनत्ति और तरक्की प्रदान करता है। माणिक्य धारण करने से भाग्य की वृद्धि, प्रसिद्धि, कैरियर, नौकरी और कारोबार में उनत्ति होती है।
पीला पुखराज शादी के योगों के लिए भी बहुत शुभ रत्न है, जिन युवक-युवतियों के विवाह में विलंब या रुकावटें आती है पीला पुखराज धारण करने से विवाह संपन्न होता है। पीला पुखराज हृदय रोगियों और कमजोर पाचन संसथान के लिए बहुत लाभकारी होता है।
नीलम
नीलम शनि का रत्न है और शनि ग्रह का अधिपत्य दो राशियों मकर और कुंभ पर है, इसलिए मकर और कुंभ राशि के जातकों का शुभ और भाग्यशाली रत्न नीलम हुआ। वैसे तो नीलम मकर और कुंभ राशि के जातकों का भाग्यवर्धक रत्न है लेकिन फिर भी कई बार ऐसा देखा जाता है की राशि रत्न होने के बावजूद भी नीलम सूट नहीं करता, इसलिए यह सलाह हर व्यक्ति को दी जाती है की नीलम धारण करने से पहले उसका परिक्षण कर लें।
नीलम धारण करने से मकर और कुंभ राशि के जातक इंजीनियरिंग, कृषि हरी, पेट्रोलियम, छोटे और बड़े उद्योग, इंडस्ट्री, लोहा, टायर, कलपुर्जे व्यवसाय, खनिज ठेकेदार, अस्ति रोग विशेषज्ञ, ट्रांसपोर्टिंग व्यवसाय आदि जैसे क्षेत्रों में बहुत सफलता प्राप्त होती है। जिन व्यक्तियों को नीलम सूट कर जाता है ऐसे व्यक्तियों को प्रसिद्ध और धनवान होने में समय नहीं लगता।
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