सिट्रीन स्टोन क्वार्ट्ज़ जाति का रत्न है यह पूर्ण पारदर्शी और गहरे पीले या ब्रांडी रंग का रत्न होता है। सिट्रीन को हिंदी में सुनेहला बोला जाता है। सिट्रीन ब्रहस्पति ग्रह के लाभ के लिए पहना जाता है और यह पीले पुखराज का उपरत्न माना गया है। गहरे पीले रंग के सिट्रीन को उच्च गुणवत्ता और प्रभाव वाला माना जाता है और जिस सिट्रीन का रंग हल्का पीला होता है उसे कम गुणवत्ता वाला माना जाता है, इसके प्रभाव भी कम होते। है
सिट्रीन रत्न का प्रयोग ब्रहस्पति के ज्योतिषीय प्रभावों को ग्रहण करने के अलावा आभूषणों में भी प्रयोग किया जाता है। इसका रंग, पारदर्शिता और खूबसूरती इतनी होती है की इसके आभूषण बहुत खूबसूरत लगते है।
सिट्रीन की खूबसूरती इतनी होती है की सुर्ख सोने जैसा इसका रंग लोगों को पीले पुखराज से भ्रमित कर देता है। समझ में नहीं आता है की यह सिट्रीन है या पुखराज।
सिट्रीन स्टोन के ज्योतिषीय प्रभाव
सिट्रीन एक शक्तिशाली ज्योतिषीय रत्न है। इसे भारतीय ज्योतिष और पश्चिमी ज्योतिष में ब्रहस्पति का महत्वपूर्ण रत्न माना गया है। सिट्रीन को ब्रहस्पति के शुभ प्रभावों की प्राप्ति, धन लाभ, आर्थिक उनत्ति, ज्ञान की प्राप्ति, सामाजिक प्रतिष्ठा, विवाह और वैवाहिक सुख प्राप्त करने के लिए धारण किया जाता है। जिन व्यक्तियों की कुंडली में ब्रहस्पति कमजोर या पीड़ित है उन जातकों के लिए यह रत्न बहुत उपयोगी होता है। पश्चिमी ज्योतिष के अनुसार सिट्रीन को नवम्बर माह में जन्में लोगों का भाग्यशाली रत्न माना गया है।
सिट्रीन स्टोन के प्रकार
सिट्रीन पीले पुखराज का उपरत्न है यह आप जान चुके होंगे। अब आपको सिट्रीन के प्रकार की जानकारी भी देते है। सिट्रीन जिसे हिंदी सुनहेला बोला जाता है, यह प्राकृतिक रूप से खूबसूरत पीले रंग का रत्न होता है, लेकिन बाजार में ऐसे सुनेहले भी मिलते है जिन्हें तपाकर पीला रंग दिया जाता है। जिसका समय बीतने के साथ रंग हल्का होता चला जाता है।
लेकिन सिट्रीन जो की प्राकृतिक रूप से अपने गहरे पीले रंग में प्राप्त होता है वह सदा के लिए एक जैसे ही रंग में रहता है। सिट्रीन अपनी खूबसूरती कभी नहीं खोता है। सिट्रीन को बाजार में पीला पुखराज बोलकर भी बेच दिया जाता है।
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गोल्डन सिट्रीन
गोल्डन सिट्रीन सोने जैसे रंग का होता है या ऐसा कह ले की इसका रंग हल्दी जैसा पीला होता है। इसमें पारदर्शिता और चमक बहुत होती है, इसलिए देखने में यह बहुत सुंदर और आकर्षक होता है।
लेमन सिट्रीन
लेमन सिट्रीन का रंग गहरा पीला तो होता है लेकिन यह हल्दी जैसा पीला नही होता। यह शुद्ध पीले रंग का होता है। लेमन सिट्रीन भी अपनी चमक और पारदर्शिता से बहुत आकर्षक दिखता है।
मेडिरा सिट्रीन
मेडिरा सिट्रीन का रंग थोड़ा पीले से हटकर होता है। मेडिरा सिट्रीन रंग आप कह ले तो ग्लोडन ब्राउन या ब्रांडी रंग का होता है। यानि की कुछ भूरापन लिए पीला रंग। लेकिन इसकी भी चमक और पारदर्शिता बहुत आकर्षक होती है।
पाल्मेरा सिट्रीन
पाल्मेरा सिट्रीन का रंग पीले के साथ नारंगी मिला हुआ रंग होता है। एक नजर में देखने से यह नारंगी रंग का दिखता है। इसकी प्राप्ति कम होती है, लेकिन यह बहुत आकर्षक और खूबसूरत होता है।
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सिट्रीन स्टोन किसे पहनना चाहिए
सिट्रीन अपने ज्योतिषीय प्रभावों की वजय से प्रसिद्ध है ही, साथ ही इसका खूबसूरत होना और इसमें ब्रहस्पति के प्रभावशाली गुण होने से इसे काफी अधिक पसंद किया जाता है।
दूसरा मूल्य में इसका किफायती होना भी इसकी पसंद का कारण है, जहां पीला पुखराज एक अत्यंत मूल्यवान रत्न है वहीं सिट्रीन का मूल्य काफी किफायती है। सिट्रीन को धारण करने से ब्रहस्पति के काफी लाभ प्राप्त होते है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार सिट्रीन धनु और मीन राशि, धनु और मीन लग्न के जातकों और नवंबर में जन्में लोगों का यह भाग्यशाली रत्न है। इन जातकों को सिट्रीन धारण करने से धन लाभ, आर्थिक उनत्ति, ज्ञान की प्राप्ति, सामाजिक प्रतिष्ठा, विवाह और वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती है।
इसके अलावा सिट्रीन कर्क, सिंह, मेष और वृश्चिक राशि और लग्न की जातकों को भी बहुत शुभ प्रभाव प्रदान करता है।
ब्रहस्पति विवाह और वैवाहिक सुख का स्वामी है इसलिए सिट्रीन ऐसे युवा लोगों के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध होता है जिनके विवाह में रुकावटें आ रही हो या जिनका वैवाहिक जीवन सुखी नहीं है। ऐसे जातकों के सिट्रीन धारण करने से विवाह संपन्न होता है और वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है।
उच्च शिक्षा प्राप्ति, विदेश में नौकरी, विदेश से कारोबार करने वाले जातकों को भी सिट्रीन रत्न धारण कारण से बहुत अधिक लाभ होते है।
सिट्रीन स्टोन के विशेष लाभ
सिट्रीन स्टोन बहुत पुराने समय इस इस्तेमाल किया जा रहा है। प्राचीन काल के लोगों में भी सिट्रीन बहुत प्रसिद्ध था और इसे लेकर बहुत मान्यताएं थी। उनकी मान्यता थी की इस रत्न में चिकित्सीय गुण है। अगर किसी व्यक्ति के जीवन में बहुत सी समस्याएं चल रही है और वह व्यक्ति सिट्रीन धारण करेगा तो उसके जीवन के सभी कष्ट दूर होंगे।
अगर किसी व्यक्ति के जीवन के कारोबार और आर्थिक विषयों को लेकर बहुत परेशानियां चल रही है तो सिट्रीन स्टोन धारण करने से निश्चित रूप से व्यवसाय में वृद्धि और आर्थिक समस्या दूर होती है।
ब्रहस्पति ज्ञान के देवता है और सिट्रीन स्टोन में ब्रहस्पति ग्रह के ही शुभ प्रभाव विध्यमान है। इसलिए शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों और उच्च शिक्षा, डिग्री, पीएचडी आदि जैसे उच्च शिक्षा लेने वाले जातकों के लिए सिट्रीन स्टोन बहुत सहायक रत्न साबित होता है। सिट्रीन धारण करने से नई दृष्टि, सोच और सीखने की शक्ति में वृद्धि होती है।
सिट्रीन स्टोन के सकारात्मक प्रभाव पारिवारिक रिश्तों में प्यार बढ़ाता है, प्यार और विश्वास को मजबूत करता है, व्यक्ति की सामाजिक इज्जत को बढ़ाता है।
सिट्रीन रत्न अपने प्रभाशाली और चमत्कारी गुणों से भरपूर है, इसकी ऊर्जा आपके जीवन में सकारात्मकता लाती है, जातक के आत्मविश्वास को बढ़ाकर उसके जीवन में सफलता के द्वार खोलता है।
जिन व्यक्तियों को नौकरी और व्यवसाय उनत्ति नहीं मिल पा रही हो, तो ऐसे व्यक्तियों को सिट्रीन धारण करने की सलाह दी जाती है।
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सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले सिट्रीन स्टोन का का चुनाव
जब भी रत्न धारण करने की बात आती है तो उसकी गुणवत्ता का विशेष ख्याल रखना होता है। इसलिए धारण करने योग्य सिट्रीन रत्न खूबसूरत पीले रंग का जो सोने जैसा दिखे और पूर्ण पारदर्शी और चमकदार होना चाहिए।
ऐसा सिट्रीन रत्न धारण करने के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है। ऐसा सिट्रीन रत्न धारण करने से ब्रहस्पति के शुभ प्रभाव बहुत जल्दी मिलने शुरू हो जाते है।
सिट्रीन स्टोन को बहुत मूल्यवान रत्न नहीं है, बेस्ट क्वालिटी का सिट्रीन 300 रूपए से लेकर 500 रूपए प्रति कैरट तक प्राप्त हो जाता है। लेकिन इतना जरूर ध्यान रखें की लिया गया सिट्रीन नकली ना हो।
सिट्रीन स्टोन के प्राप्ति स्थान
सिट्रीन एक क्वार्ट्ज़ जाती का रत्न है, जो की विश्व भर में बहुत सी जगह से प्राप्त होता है। लेकिन फिर भी बेस्ट क्वालिटी के सिट्रीन बोलीविया, रूस, ब्राजील, म्यांमार, मेडागास्कर और अमेरिका से प्राप्त होते है।
हमारे भारत में भी बहुत उच्च क्वालिटी का सिट्रीन रत्न प्राप्त होता है, मैंने स्वय उड़ीसा प्रान्त के संबलपुर जिले से अत्यन्त शानदार क्वालिटी के सिट्रीन रत्न देखें है जिन्हें देखने से ऐसा प्रतीत होता है जैसे कोई चमकदार सोने का टुकड़ा है।
सिट्रीन स्टोन धारण करने के नियम
सिट्रीन रत्न ब्रहस्पति का रत्न है, इसलिए इस रत्न को धारण करने के लिए बृहस्पति ग्रह के नियमों का पालन करना होता है।
सिट्रीन रत्न को तर्जनी ऊँगली में सोने या अष्ट धातु की अंगूठी में धारण किया जाता है। सिट्रीन को गुरुवार सूर्योदय के समय शुभ मुहूर्त में अंगूठी की गंगाजल से शुद्धि करके पूर्ण पूजा और ब्रहस्पति का मन्त्र “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः” या “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” का जाप 19,000 की संख्या में करने के बाद धारण करना चाहिए।
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