अगर लग्न कुंडली में राहु अशुभ है या कमजोर पड़ रहा हो तो गोमेद रत्न धारण किया जाना चाहिए। आइये जानकारी प्राप्त करें की गोमेद रत्न पहनने से क्या लाभ होता है?
गोमेद रत्न पहनने से क्या लाभ होता है?
गोमेद रत्न राहु का रत्न है और गोमेद को राहु की शांति के लिए धारण किया जाता है। अगर जन्म कुंडली में राहु योगकारक नहीं है और कष्टकारी है तो राहु को शांत करने के लिए गोमेद धारण करना अच्छा होता है।
कुंडली में राहु के अशुभ प्रभाव जब जातक की जिंदगी में कष्ट उत्पन्न करते है, आर्थिक, कारोबारी, स्वास्थय और मानसिक कष्ट दे रहे है तो उन्हें कम करने के लिए गोमेद धारण करना काफी लाभदायक होता है।
जो व्यक्ति मिथुन, कन्या, वृषभ, कन्या ,तुला, मकर और कुंभ राशि के है उन व्यक्तियों को गोमेद धारण करने से बहुत लाभ होता है।
अगर किसी व्यक्ति को गोमेद रत्न सूट कर जाये तो उसकी आर्थिक उनत्ति और तरक्की होती है, कारोबार बढ़ता है, लोहे, मशीनरी, फैक्ट्री, राजनीती, ट्रेडिंग, ट्रांसपोर्ट, खेती, माइनिंग, जुआ सट्टा, शेयर मार्केट, सफाई कर्मी, पेट्रोलियम, खनिज, डॉक्टर, ठेकेदार, आदि जैसे कार्यो में बहुत सफलता की प्राप्ति होती है।
गोमेद धारण करने से भ्रामित मन शांत होता है, व्यक्ति की मानसिक स्तिथि मजबूत होती है। जिससे व्यक्ति की निर्णय लेने की शक्ति बढ़ती है।
गोमेद धारण करने से व्यक्ति के शत्रु परास्त होते है। शत्रु हावी नहीं हो पाते, अगर व्यक्ति किसी तरह के कोर्ट कचहरी मुकदमों में फसा है तो उनमें व्यक्ति की जीतने की संभावनाएं बढ़ती है।
अगर कोई जातक नशा या परस्त्रीगामी में फसा है तो गोमेद धारण करने से उसकी इन आदतों में कमी आती है।
गोमेद धारण करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है, अगर कोई जातक असाध्य रोग से ग्रसित है तो उसके स्वस्थ होने की संभावनाएं बढ़ती है। त्वचा रोग, क्षय रोग, पीत्त-कफ के रोग ठीक होते है।
गोमेद धारण करने से व्यक्ति का सामाजिक दबदबा बढ़ता है, राजनीती में जुड़े लोगों को चुनावों में सफलता और जीत की प्राप्ति होती है।
गोमेद धारण विधि
गोमेद रत्न अष्टधातु की अंगूठी में बनवाकर शनिवार के दिन संध्याकाल में राहु की विधि-विधान से पूजा अर्चना और राहु मन्त्र “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:” का 28,000 जाप करके मध्यमा ऊँगली में धारण करनी चाहिए
Read Also:
असली गोमेद रत्न की पहचान क्या है?
गोमेद स्टोन बेनिफिट्स इन हिंदी