मोती रत्न धारण करने की विधि

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी रत्न को बगैर पूजा और मन्त्र के धारण नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि कोई भी रत्न धारण करने से पहले उसकी प्राण प्रतिष्ठा करनी बहुत जरूरी होती है। अन्यथा धारण किया गया रत्न निर्जीव रहेगा और उसके कोई भी लाभ प्राप्त नहीं होंगे।आइये जाने मोती रत्न धारण करने की विधि

सभी रत्नों की तरह अगर आप मोती धारण करने जा रहे है तो मोती के शुभ प्रभावों की प्राप्ति के लिए मोती को विधि विधान से धारण करना बहुत जरुरी है।

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मोती रत्न धारण करने की विधि

मोती की अंगूठी या लॉकेट को सोमवार की संध्या को शुभ मुहूर्त में ही धारण किया जाना चाहिए।

मोती धारण करने से पहले उसकी दूध, दही, शहद, घी, तुलसी पंचामृत से स्नान करवाए।
उसके बाद गंगाजल से मोती की अंगूठी को स्नान करवाकर पूजा स्थल पर रखें और धूप, दीप, कुमकुम, अगरबत्ती से पूजा करें।

पूजा करने के बाद चंद्र मंत्र ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम: का 108 बार जाप करें और अपनी मनोकामना पूर्ण होने की प्रार्थना करते हुए सीधे हाथ की कनिष्ठा ऊँगली में धारण करें।

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