जन्म कुंडली में माणिक्य रत्न के फायदे अत्यंत जरूरी है क्योकि माणिक्य रत्न का स्वामी सूर्य ही व्यक्ति के जीवन में उनत्ति और प्रसिद्धि का स्वामी है।
माणिक्य रत्न के फायदे
माणिक्य सूर्य का रत्न है। नवरत्नों में माणिक्य की खूबसूरती देखते ही बनती है। माणिक्य रत्न प्यार, प्रसिद्धि, शासन, पिता, प्रशासन और राजनीती का कारक है।
जो व्यक्ति राजनीती, राजनेता, प्रशासन, सरकारी नौकरी और सरकारी संस्थानों, एक्सपोर्ट इम्पोर्ट के कारोबार, उच्च पदों से जुड़े है उन व्यक्तियों को माणिक्य जरूर धारण करना चाहिए।
माणिक्य धारण करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है, व्यक्ति का जन संपर्क बढ़ता है, व्यक्ति के चेहरे का तेज बढ़ता है, आर्थिक और कारोबारी स्तिथि मजबूत होती है, जातक उच्च पद की प्राप्ति करता है और व्यक्ति की समाज में प्रसिद्धि बढ़ती है।
जिन व्यक्तियों को हृदय , रक्त और हड्डियों की बीमारी है उन व्यक्तियों को भी माणिक्य धारण करने से लाभ मिलता है।
ऐसे व्यक्ति जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर या पीड़ित है उन्हें माणिक्य जरूर धारण करना चाहिए।
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माणिक्य रत्न के चमत्कार फायदा
सूर्य रत्न माणिक्य जीवन में स्थिरता ,खुशहाली और प्रसिद्धि लाने के लिए धारण किया जाता है। माणिक्य धारण करने से अशुभ ग्रहों के प्रभाव कम होते है, सूर्य मजबूत होता है और जीवन में कारोबार और नौकरी में सफलता की प्राप्ति होती है।
नवरत्नों में माणिक्य सबसे प्रभावशाली और भाग्यशाली रत्न है। किसी भी व्यक्ति के जीवन में सूर्य मजबूत होने बहुत जरुरी है अन्यथा वह गुमनामी का जीवन व्यतीत करता है। इसलिए सूर्य का रत्न माणिक्य धारण करना बहुत लाभकारी रहता है।
अगर आप कारोबार और नौकरी में परेशानी महसूस कर रहे रहे तो आपको माणिक्य जरूर धारण करना चाहिए।
अगर आपको लगता है की आपमें आत्मविश्वास की कमी हो रही है और आपको सामाजिक सहयोग की प्राप्ति नहीं हो रही है तो आपको माणिक्य जरूर धारण करना चाहिए।
अगर आप अपने जीवन में प्रसिद्धि चाहते है तो भी आपके लिए माणिक्य धारण करना अनिवार्य है।
माणिक्य रत्न धारण करने की विधि
माणिक्य सूर्य का रत्न है। माणिक्य धारण करने से जीवन में उनत्ति और प्रसिद्धि मिलती है। जब कुंडली में सूर्य की शक्ति और प्रभावों की वृद्धि करनी होती है तब माणिक्य धारण किया जाता है।
ऐसा नहीं है की किसा भी माणिक्य और कभी भी धारण कर लिया जाये। माणिक्य धारण के भी नियम है जिनका पालन करना बहुत जरुरी है अन्यथा माणिक्य के लाभ नहीं मिलेंगे।
माणिक्य हमेशा सुर्ख लाल रंग और किसी भी तरह के दाग-धब्बों, काले छीटों, गड्ढो और दरार रहित होना चाहिए।
माणिक्य केवल रविवार को सूर्योदय के बाद शुभ मुहूर्त में ही धारण किया जाना चाहिए। धारण करने से पहले माणिक्य की पूजा स्थल पर रखकर धूप-दीप, पुष्प, चन्दन से पूजा अर्चना करते हुए १०८ बार सूर्य मन्त्र का जाप करने के बाद अनामिका उंगली में धारण करना चाहिए।
सूर्य मन्त्र
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः