बहुत ही प्रभावशाली है ये रत्न लाजवर्त, राहु-केतु और शनि के बुरे प्रभावों को झट से करता है दूर करता है यह रत्न, आइये जाने लाजवर्त रत्न कितने दिन में असर दिखाता है
लाजवर्त रत्न कितने दिन में असर दिखाता है
लाजवर्त रत्न कहने को तो एक उपरत्न है, लेकिन इस रत्न के बहुत से लाभकारी और चमत्कारी प्रभाव है। इस रत्न में एक साथ शनि, राहु-केतु के अशुभ प्रभावों को ख़त्म करने की शक्ति है। इन तीनों क्रूर ग्रहों के प्रभाव होने की वजय से यह रत्न बहुत जल्दी अपने प्रभाव दिखलाना शुरू कर देता है।
अगर इस रत्न को पूर्ण पूजा, मन्त्र जप और विधि-विधान से धारण किया जाये तो यह रत्न कुछ ही दिनों के सक्रिय हो जाता है। यह रत्न 10 दोनों के अंदर ही अपने प्रभावों को दिखलाना शुरू हो जाता है। 10 दिनों के बाद से ही आप महसूस करना शुरू कर देंगे की आपको राहत मिलनी शुरू हो गई है।
लाजवर्त रत्न
रत्न बहुत प्रभावशाली होते है, रत्नों से हम हमारे ग्रहों के शुभ-अशुभ प्रभावों को कम कर सकते है। क्या आपको पता है इन्हीं रत्नों में लाजवर्त भी एक ऐसा रत्न है जिसे धारण करने से आप अपने जीवन की बहुत सी नकारात्मक ऊर्जाओं को ख़त्म कर सकते है, आइये जानें लाजवर्त रत्न के प्रभाव और लाजवर्त रत्न कितने दिन में असर दिखाता है
लाजवर्त रत्न गहरे नीले रंग का रत्न होता है जिस पर काले, नीले, सिल्वर या गोल्डन धब्बें होते है। यह साधारण सा दिखने वाला उपरत्न इतना प्रभावशाली होता है की इसमें शनि, राहु, केतु और ब्रहस्पति के शुभ प्रभाव प्रदान करने की शक्ति होती है।
अगर किसी कुंडली में शनि और राहु-केतु के अशुभ प्रभाव बनते है तो लाजवर्त एक ऐसा रत्न है जिसे धारण करने से एक साथ इन तीनों ग्रहों की शांति और शुभ प्रभावों की प्राप्ति होती है। अगर आपकी कुंडली में भी इस प्रकार की स्तिथि बनती है तो इन तीनों ग्रहों के रत्न धारण करने की बजाए आप इस रत्न को धारण करके इन तीनों ग्रहों के अशुभ प्रभावों को शून्य कर सकते है। यह साधारण सा दिखने वाला उपरत्न बहुत चमत्कारी रत्न है।
आइये जाने लाजवर्त रत्न धारण करने के लाभ
- लाजवर्त धारण करने से जीवन में सकारात्मकता आती है, मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। जातक का मनोबल बढ़ता है, जीवन के हर क्षेत्र में उनत्ति मिलती है, अध्यापन और शिक्षण संस्थानों से जुड़े व्यक्तियों को यह रत्न तरक्की प्रदान करता है।
- जो व्यक्ति ट्रांसपोर्ट, खनिज, लोहा, कबाड़ी, ट्रांसपोर्ट, फैक्ट्री, मशीनरी, ऑइल, टायर, इम्पोर्ट एक्सपोर्ट, सट्टा, शेयर मार्केट, लॉटरी आदि जैसे कार्यो से जुड़े है उन व्यक्तियों को लाजवर्त रत्न तरक्की प्रदान करता है।
- लाजवर्त रत्न मानसिक शक्ति और बुद्धि को एकाग्र करता है, इसलिए अगर लाजवर्त रत्न का लॉकेट विद्यार्थियों के गले में धारण करवाया जाए तो उन्हें शिक्षा में अच्छी सफलता मिलती है।
- ऐसे व्यक्ति जिनकी जन्म कुंडली में शनि, राहु, केतु या ब्रहस्पति कमजोर पड़ रहे हो, उनके शुभ प्रभाव नहीं मिल पा रहे हो तो ऐसे जातकों को लाजवर्त रत्न की अंगूठी धारण करनी चाहिए।
- भूत-प्रेत, जादू-टोना, नजर दोष अगर किसी व्यक्ति, स्त्री या बच्चें को इसकी परेशानी है तो लाजवर्त रत्न धारण करने से इनके प्रभाव ख़त्म होते है।
- अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु केतु के अशुभ प्रभाव चल रहे हो या कालसर्प दोष का निर्माण हो तो ऐसे व्यक्तियों को लाजवर्त रत्न जरूर धारण करना चाहिए।
- शनि की साढ़े साती चल रही हो तो लाजवर्त रत्न जरूर धारण करना चाहिए। अगर शनि की साढ़े साती अशुभ है तो लाजवर्त रत्न धारण करने से शनि के अशुभ प्रभाव कम होंगे।
- अगर किसी व्यक्ति के जीवन में शनि या राहु की महादशा चल रही हो तो ऐसे व्यक्ति को लाजवर्त रत्न जरूर धारण करना चाहिए।
- अगर राशि के अनुसार देखा जाए तो लाजवर्त रत्न मकर और कुंभ राशि का उपरत्न है और इसके स्वामी शनि है। इन राशि के व्यक्तियों को तो लाजवर्त रत्न जरूर धारण करना चाहिए।
- लाजवर्त रत्न एक ऐसा रत्न है जिसे धारण करने के लिए राशि, लग्न या जन्म पत्रिका देखने की जरुरत नहीं है यह रत्न सबके लिए भाग्यशाली है इस रत्न को कोई भी, कहीं भी बगैर कुंडली देखें धारण कर सकता है
लाजवर्त रत्न किसे धारण करना चाहिए
लाजवर्त एक शुभ और लाभदायक रत्न है इस रत्न को कोई भी व्यक्ति अंगूठी या लॉकेट में धारण कर सकता है। यह रत्न केवल अपने शुभ प्रभाव हो देता है, इसके किसी भी तरह के अशुभ प्रभाव नहीं है। यह रत्न बुरी नजर, नजर दोष, भूत-प्रेत, जादु-टोने, काम में बरकत ना होना, आर्थिक परेशानी, लंबी बीमारी, गृह क्लेश जैसी परेशानियों में अत्यंत लाभकारी रत्न है। इस रत्न को धारण करने से यह सभी परेशनियां दूर होती है।
इसके अलावा जैसे की पहले भी लेख में बताया है की अगर कुंडली में राहु-केतु और शनि के अशुभ प्रभाव है, उनको शुभ करने के लिए लाजवर्त रत्न बहुत लाभकारी रत्न है, इन ग्रहों की शांति होती है। इसके अलावा जिन व्यक्तियों को लोहे का कार्य नहीं फलता, तेल, पेट्रोल, कोयले, हार्डवेयर, ट्रांसपोर्ट आदि कारोबार में बहुत परेशानी आती है उनके लिए भी यह रत्न चमत्कारी है।
लाजवर्त रत्न धारण विधि
लाजवर्त रत्न को शनिवार के दिन संध्या को शुभ मुहूर्त में चांदी में जड़वाकर धारण किया जाना चाहिए। धारण करने से पहले लाजवर्त रत्न की पूजा और शनि मंत्रो का जाप जरूर करें। उसके बाद लाजवर्त रत्न की अंगूठी या लॉकेट को शनि देव के चरणों में स्पर्श करते हुए सीधे हाथ की मध्यमा उंगली में धारण किया जाना चाहिए।
शनि मंत्र
ॐ शं शनैश्चराय नमः