गोमेद रत्न के लिए भी दिन निर्धारित किया गया है। शुभ दिन और मुहूर्त में धारण किया गया गोमेद बहुत शुभ फलदाई होता है। आइए जानें गोमेद रत्न किस दिन धारण करना चाहिए
गोमेद रत्न किस दिन धारण करना चाहिए
गोमेद धारण करने का शुभ दिन शनिवार की शाम होता है। गोमेद की अंगूठी अष्टधातु में बनवाकर उसे गंगाजल से शुद्ध कर लेना चाहिए। उसके बाद अंगूठी को अपने घर के मंदिर में रखकर विधि-विधान से पूजा करने के बाद राहु मन्त्र “ॐ रां राहवे नमः” का 18,000 जप करके मध्यमा उंगली में पहनना चाहिए।
गोमेद धारण करने के लिए शनिवार का दिन सबसे शुभ रहता है। अगर स्वाति, आद्रा या शतभिषा नक्षत्र हो तो भी गोमेद धारण करना बहुत शुभ होता है। यह नक्षत्र राहु के ही है इसलिए इन नक्षत्रों में धारण किया गया गोमेद बहुत शुभ और उनत्तिदायक होता है।
गोमेद का असर कितने दिन में होता है?
जब आप विधि-विधान से राहु मन्त्र जप करने के बाद गोमेद धारण करते है तो 1 महीने के बाद गोमेद के प्रभाव मिलने शुरू हो जाते है। 1 महीने से धीरे धीरे आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव होने लगते है, कारोबार, धन, स्वास्थय में लाभ मिलना शुरू होने लगता है।
गोमेद धारण करके के दिन से 3 साल और 3 महीने तक गोमेद के पूर्ण प्रभाव रहते है। उसके बाद गोमेद के प्रभावों में कमी होनी शुरू होने लगती है। इसलिए इतने समय के बाद आपको गोमेद की पुनः प्राण-प्रतिष्ठा करनी होती है यानि की दोबारा उसी विधि से पूजा और मन्त्र जप करना होता है। उसके बाद गोमेद दोबारा चार्ज होकर अपने शुभ प्रभाव देने लगता है।
गोमेद की अंगूठी कितने बजे पहनते हैं?
गोमेद की अंगूठी धारण करने का कोई एक समय नहीं है। गोमेद शनिवार की शाम को शुभ मुहूर्त देखते हुए धारण करनी चाहिए। अगर आप स्वयं से पूजा मन्त्र जप नहीं कर सकते है तो यह कार्य आप शिव मंदिर जाकर पंडितजी द्वारा भी करवा सकते है।
निष्कर्ष
तो साथियों इस पोस्ट “गोमेद रत्न किस दिन धारण करना चाहिए” से आपको गोमेद रत्न धारण के दिन के बारे में जानकारी प्राप्त हुई होगी। आशा है की आपको पोस्ट पसंद आई होगी। कमैंट्स जरूर करिएगा। धन्यवाद!