फिरोजा एक प्राचीन रत्न है जिसे सदियों से इस्तेमाल किया जाता रहा है, आइये जानते है “9,12 फिरोजा किस ग्रह का रत्न है” और यह क्या कार्य करता है।
9,12 फिरोजा किस ग्रह का रत्न है
फिरोजा नीले या हरे नीले रंग का रत्न है। यह रत्न किसी विशेष 1 ग्रह ग्रह से जुड़ा हुआ रत्न नहीं है, फिरोजा एक स्वतंत्र रत्न है इसके बहुत से अपने चमत्कारी प्रभाव है। फिरोजा एकदम प्लेन नीला, लाइनों वाला और फिरोजा के अंदर लोहा जैसा कोई मेटल घुसा हुआ आता है। फिरोजा बहुत प्रभावशाली रत्न है, इसके बहुत से चमत्कारी प्रभाव है।
फिरोजा ईरान, तिब्बत, कैलिफोर्निया, अमेरिका, साइबेरिया, चीन और मैक्सिको से प्राप्त होता है।
फिरोजा नजर दोष, जादू टोने और एक्सीडेंट से बचने के लिए धारण किया जाता है। अगर किसी व्यक्ति को बहुत जल्दी नजर या बाहरी प्रभाव हो जाता हो तो फिरोजा धारण करने से वह व्यक्ति इन सभी चीजों से सुरक्षित रहता है। अगर किसी का बार बार एक्सीडेंट होता है या चोट लगती हो तो फिरोजा रत्न धारण करना चाहिए, वह इन परेशानियों से सुरक्षित रहेगा। अगर कोई शत्रु आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है तो फिरोजा रत्न उसकी रक्षा करते हुए उसे सुरक्षित करता है। फिरोजा कोई साधारण रत्न नहीं है इसके जबरदस्त और चमत्कारी प्रभाव रहते है।
पुराने समय में राजा महराजा फिरोजा रत्न को अपनी सुरक्षा के रूप में धारण किया करते थे, उनका ऐसा मानना भी था की अगर कोई उन्हें जहर देने की कोशिश करेगा तो उनका धारण किया हुआ फिरोजा विष के प्रभाव से फीका पड़ जायेगा, इसलिए राजा लोग बड़े बड़े फिरोजा की अंगूठियां पहना करते थे।
ऐसा बोला जाता है को अगर किसी व्यक्ति को हृदय या मस्तिकष की बीमारी है तो फिरोजा धारण करने से लाभ होता है। आंखों के रोगों के लिए लाभकारी होता है, आंखों की दृष्टि तेज होती है।
फिरोजा बहुत असरकारी रत्न है, फिरोजा धारण करने से धन की आवक बढ़ती है, दुःख और कष्टों से छुटकारा मिलता है, व्यक्ति सुखी जीवन जीता है। लेकिन फिरोजा अगर कोई भेंट करे तो ऐसा फिरोजा अधिक लाभकारी माना गया है।
फिरोजा किस ग्रह का रत्न है
ऐसा तो फिरोजा एक स्वतंत्र रत्न है, इसे कोई भी कभी भी बगैर कुंडली देखे धारण कर सकता है, इसके कभी भी कोई दुष्प्रभाव नहीं होते। लेकिन फिर भी फिरोजा के अंदर 3 ग्रहों की शक्तियां होती है।
फिरोजा धारण करने से व्यक्ति को बृहस्पति के शुभ प्रभाव प्राप्त होते है, यह विवाह, वैवाहिक जीवन और धन-कारोबार के लिए बहुत अच्छा लाभ देता है।
फिरोजा रत्न शनि और राहु ग्रह के बुरे प्रभावों को दूर करता है। फिरोजा में यह गुण है की अगर आपकी कुंडली में शनि और राहु दोनों की पीड़ा है तो आपको फिरोजा रत्न धारण करने से इन दोनों ग्रहों की शांति मिलेगी। अगर आप कारोबार के संघर्षों से परेशान हो चुके है, आर्थिक स्तिथि अच्छी होने का नाम ही नहीं ले रही है, आपका मनोबल और स्वास्थय गिरता ही जा रहा है तो फिरोजा रत्न आपके जीवन में स्थिरता लाएगा, आपके कष्टों को दूर करेगा, आपके जीवन में नया सवेरा करेगा। धीरे धीरे आपके जीवन के सभी कार्य ठीक होने लगेंगे और सुख-शांति और समृद्धि आएगी।
फिरोजा एक ऐसा रत्न है जो कोई भी व्यक्ति कभी भी अंगूठी, लॉकेट या ब्रासलेट में धारण करके पहन सकता है। यह आपके जीवन में सुख समृद्धि और शांति लाएगा।
फिरोजा किस दिन धारण करें
फिरोजा आपको बृहस्पतिवार को सूर्योदय के बाद या अगर आप शनि और राहु की शांति के लिए फिरोजा धारण कर रहे है तो फिर शनिवार को संध्या के समय पूजा करके धारण करना चाहिए। फिरोजा मध्यमा उंगली में चांदी की धातु में धारण करें।
निष्कर्ष
साथियों आपने इस पोस्ट में जाना की फिरोजा कितना लाभकारी रत्न है, इसे कोई भी धारण करने लाभ ले सकता है। उम्मीद है की यह पोस्ट “9,12 फिरोजा किस ग्रह का रत्न है” आपको पसंद आई होगी।