1,4,7,10 भद्र योग कुंडली में बुध और उसकी दोनों राशियां मिथुन और कन्या के योग से निर्मित होता है। भद्र योग एक शुभ योग है जो व्यक्ति के जीवन को बहुत भाग्यशाली बनाता है। कुंडली के 1,4,7,10 भाव भद्र योग का निर्माण करते है।
भद्र योग कैसे बनता है
बुध बुद्धि, शिक्षा, धन और व्यवसाय का स्वामी है। बुध व्यक्ति को ज्ञान और वाणी की बुद्धिमानी प्रदान करता है, व्यक्ति को बहुमुखी प्रतिभा का धनि बनाता है, व्यक्ति बहुत अच्छा वक्ता, ज्ञानी, लेखक, गणित में माहिर, प्रबन्धन कुशल बनाता है। इसलिए जिस व्यक्ति की कुंडली में भद्र योग होगा उस व्यक्ति में यह सभी गुण मौजूद होंगे।
आइये अब जानते है की भद्र योग बनता कैसे है। Bhadra Yoga का निर्माण तब होता है जब बुध अपनी ही मिथुन या कन्या राशि में होता है, लेकिन यह कुंडली के केंद्र भावों यानि की प्रथम, चतुर्थ, सप्तम या दशम भाव में होगा तब।
अगर इन 4 केंद्र भावों में से अन्य कही भी बुध इन दोनों में से एक राशि में होगा तो वह Bhadra Yogaनहीं कहलायेगा।
यह तो हुई भद्र योग बनने की स्तिथि, अगर इस रचना से Bhadra Yoga कन्या राशि के साथ बनता है तो वह बहुत उच्च भद्र योग बनेगा, क्योंकि कन्या राशि में बुध अपनी उच्च की दशा में होता है।
भद्र योग के लाभ
जब कुंडली में Bhadra Yoga का निर्माण होता है तो वह व्यक्ति बहुत भाग्यशाली और बुद्धिमान होता है, छोटी उम्र से ही धन कमाना शुरू कर देता है, उसमें कई तरह के कौशल होते है और वह अच्छे स्वास्थय का स्वामी होता है।
भद्र योग के जातक बड़े कारोबारी, किसी संस्था के मुखिया, राजनीती या कंपनी के प्रवक्ता, शिक्षक, प्रोफेसर, जज, वकील, लेखक, मुद्रक, कंप्यूटर कार्य से जुड़े हुए, टीवी एंकर या अभिनेता, CA, बैंक में अफसर, रेलवे में अफसर, सरकारी नौकरी, इन्शुरन्स कंपनी में, शेयर ब्रोकर, कलाकार, गणितज्ञ, इवेंट मैनेजर, होलसेलर आदि हो सकते है, वे इनमें से जिस भी प्रोफेशन से जुड़े होंगे वे उसमें नामी व्यक्ति होंगे।
आइये अब जानते है भद्र योग किस लग्न में बनेगा
Bhadra Yoga मिथुन राशि के साथ
अगर मिथुन लग्न है और बुध प्रथम भाव में विराजमान है तो यह Bhadra Yoga बनेगा और इस योग में व्यक्ति बहुत अच्छे स्वास्थय का स्वामी और जीवन में बहुत तरक्की करने वाला होगा।
अगर मीन लग्न है और बुध चतुर्थ भाव में है तो यह Bhadra Yoga का निर्माण करेगा, व्यक्ति धनि होगा, बहुत अच्छे घर और संपत्ति का स्वामी होगा।
अगर धनु लग्न है और बुध सप्तम भाव में विराजमान है तो यह Bhadra Yoga का निर्माण करेगा। व्यक्ति सुन्दर वैवाहिक जीवन का आंनद लेगा और बहुत बड़ा कारोबार करते हुए धन कमायेगा।
अगर कन्या लग्न है और बुध दशम भाव में बैठा है तो यह Bhadra Yoga का निर्माण करेगा, व्यक्ति बहुत उच्च कारोबारी या उच्च पद पर आसीन होगा, किसी संस्था का प्रमुख भी हो सकता है।
Bhadra Yoga कन्या राशि के साथ
कन्या लग्न है और बुध प्रथम भाव में विराजमान है तो यह बहुत उच्च का Bhadra Yoga बनेगा। जातक जीवन में अत्यंत उनत्ति करते हुए धन कमायेगा, व्यक्ति बहुत बुद्धिमान और शिक्षित होगा, वह जीवन में किसी शीर्ष पद पर होगा।
मिथुन लग्न हो और बुध चतुर्थ भाव में विराजमान हो तो यह उच्च के Bhadra Yoga का निर्माण करेगा। व्यक्ति बहुत धनाढ्य होगा, उसके पास बहुत धन संपत्ति होगी, वह आलीशान घरों में रहने वाला होगा और इसके पास बहुत कीमती वाहन होंगे।
अगर धनु लग्न है और बुध दशम भाव में विराजमान है तो यह उच्च के Bhadra Yoga का निर्माण करेगा, व्यक्ति बहुत बड़ा कारोबारी या बड़े पद पर होगा, प्रसिद्ध व्यक्ति होगा, टीवी एंकर, टीवी कलाकार या राजनेता भी हो सकता है, उसके पर अपने कार्य और प्रसिद्धि से बहुत धन आएगा।
निष्कर्ष
साथियों हमने जाना की भद्र योग क्या होता है और कैसे बनता है। भद्र योग के फ़लों में अधिकता और कमी भी हो सकती है, यह निर्भर करेगा की बुध पर किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि या युति तो नहीं है। अगर ऐसा होता है तो इस योग की शुभता में कमी आएगी। यह हर व्यक्ति की कुंडली के आधार पर होगा।
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