कुंभ राशि में शनि का फल:Saturn in Aquarius

यह योग शश योग का निर्माण करता है, कुंभ राशि में शनि का फल शुभ और अशुभ दोनों प्रकार का हो सकता है। आइये जानते है इस योग के फल।

कुंभ राशि में शनि का फल

कुंभ राशि यानि की घड़े के आकार की राशि, इस राशि के स्वामी शनि सबसे रहस्यमय ग्रह है। शनि के बारे में ऐसी धारणा है की यह बहुत क्रूर ग्रह है। मकर राशि का राशियों में ग्यारहवां स्थान है।
कुंभ राशि जातकों को अपने जीवन में अधिक परिश्रम करते हुए सफलता प्राप्त करनी पड़ती है। लेकिन यहां हम बात कर रहे है की अगर शनि अपनी ही कुंभ राशि में होंगे तो किस प्रकार के परिणाम प्राप्त होंगे।

जब शनि अपनी ही राशि कुंभ नंबर 11 में होंगे तो यह बलवान भी होंगे और शुभ भी होंगे, ऐसी स्तिथि में सकारात्मक परिणामों की अधिक संभावना होती है। लेकिन इसमें यह भी देखना होगा की शनि कुंभ राशि में किस भाव में विराजमान है और किस लग्न में है। उसी के अनुसार शनि के शुभ फलों का आंकलन किया जा सकता है। साथ ही यह भी देखना होगा की शनि की किस ग्रह के साथ युति है और किन ग्रहों की शनि पर दृष्टि है।

कुंभ राशि में शनि

कुंभ राशि में शनि व्यक्ति की बहुत परिश्रमी बनाता है, व्यक्ति की आमदनी के अच्छे स्तोत्र होते है। ऐसे व्यक्ति किसी बड़े पद पर आसीन होते देखे गए है या फिर अपनी खुद की फर्म के स्वामी होते है, इनकी अच्छी लोकप्रियता होती है और ये सेना में किसी बड़े पद पर भी हो सकते है। अधिकतर ऐसे व्यक्ति अपनी आजीविका अपने जन्म स्थान से दूर करते देखे गए है। अगर इनका अपना कोई बिज़नेस या कारोबार होता है तो उसमें ये अच्छी तरक्की करते हुए देखे जा सकते है। ये लोग लोहा, तेल, कोयला, ट्रांसपोर्ट, कबाड़ी जैसे व्यवसाय में बहुत तरक्की करते हुए देखे जा सकते है। किसी कंपनी में उच्च पद के अधिकारी भी होते है।

लग्न के अनुसार कुंभ राशि में शनि

आइये अब जानते है की किस लग्न में कुंभ राशि में शनि होंगे तो कैसे फल प्राप्त होंगे।

मेष लग्न – मेष लग्न की कुंडली में शनि एकदश भाव में कुंभ राशि में होंगे, यह बहुत शानदार और उनत्ति भरा योग होगा। ऐसे व्यक्ति बाहर अच्छा कामयाब बिज़नेस या नौकरी करेगा, उसकी आय और लाभ के साधन बहुत अच्छे होंगे, वह जीवन में बहुत उनत्ति करेगा।

वृष लग्न – वृष लग्न में शनि दशम भाव में कुंभ राशि में होंगे। अत्यंत योगकारक स्तिथि, जातक बहुत भाग्यशाली और बड़ा कारोबार, इंडस्ट्री का मालिक या उच्च पद पर आसीन होगा। व्यक्ति नामी होगा और बहुत धनवान होगा।

मिथुन लग्न – मिथुन लग्न में शनि नवम भाव यानि की भाग्य स्थान में अपनी ही कुंभ राशि में होंगे। यह भी एक बड़ा योग होगा, जातक भाग्यवान होगा, जीवन में उनत्ति करनेवाला होगा, उसके पास बहुत अच्छा धन होगा। लेकिन व्यक्ति को स्वास्थय को लेकर ध्यान रखना होगा।

कर्क लग्न – कर्क लग्न में शनि अष्ठम भाव में अपनी कुंभ राशि में होंगे तो यह अच्छे फल नहीं देंगे। व्यक्ति रोगी हो सकता है, उसे हड्डी रोग होने की संभावना होगी, उसे दुर्घटनाओं से बचना चाहिए। इस भाव में शनि होने से वैवाहिक जीवन भी दिक्कतों भरा रह सकता है। व्यापार में घाटा होने की संभावना और व्यापारिक साझेदारी में धोखा होने की प्रबल संभावना बन सकती है।

सिंह लग्न – सिंह लग्न की कुंडली में शनि सप्तम भाव में अपनी कुंभ राशि में बैठेंगे, जो साधारण शुभ योगों का निर्माण करेगा। जीवन साथी धार्मिक और शांत होगा, आपकी सामंजस्य और प्यार की कमी हो सकती है। कारोबार और नौकरी की दृष्टि से यह योग अच्छा है और व्यक्ति अपने जीवन में तरक्की भी करता है। इस योग में व्यक्ति शादी के बाद तरक्की करता है।

मिथुन लग्न – मिथुन लग्न में शनि अपनी कुंभ राशि में छठे भाव बैठेंगे, यह योग शिक्षा में रूकावट करेगा, संतान सुख की कमी या संतान से दुःख दे सकता है। धन की परेशानी आ सकती है। लेकिन यह योग होने पर दुश्मन कभी नुकसान नहीं पंहुचा पायेगा। दुश्मन का नाश होगा, कोर्ट कचेहरी में जीत होगी और सर पर कभी कर्ज नहीं रहेगा।

तुला लग्न – तुला लग्न में शनि पंचम भाव में कुंभ राशि में बैठेंगे। यह योग बहुत अच्छा बनेगा। जातक बड़ा आदमी होगा, उसके पास बहुत संपत्ति और जमीन-जायदाद होगी, बड़े वाहनों का स्वामी होगा, उसके पास बहुत धन होगा। प्यार के मामलों में परेशानियां आ सकती है। शादी में देर हो सकती है।

वृश्चिक लग्न – वृश्चिक लग्न में शनि चतुर्थ भाव में कुंभ राशि में होंगे, जातक बहुत मेहनती और अपनी मेहनत से अपने जीवन और घर संपत्ति का निर्माण करेगा। उसके पास धन और अच्छे वाहन होंगे। परिवार और भाई बहनों से विवाद रह सकते है। माता बीमार रह सकती है।

धनु लग्न – धनु लग्न में शनि तीसरे भाव में कुंभ राशि में होंगे, जातक बहुत मेहनती होगा वह प्राइवेट संस्था में नौकरी करने वाला होगा। भाई बहनों पर धन खर्च करने वाला होगा। जीवन में अच्छा धन लाभ कमाने वाला और अपने जन्म स्थान से दूर धन कमायेगा।

मकर लग्न – मकर लग्न में शनि धन भाव यानि की दूसरे भाव में अपनी कुंभ राशि में होंगे। यह बड़ा योग बनता है, जातक किसी बड़े संसथान का स्वामी होगा, उसके पास बहुत धन होगा। वह परदेश में जाकर नौकरी करेगा, उसके दो विवाह हो सकते है।

कुंभ लग्न – कुम्भ लग्न में शनि प्रथम भाव में अपनी ही राशि में होंगे। जातक बड़ा कारोबार करने वाला या किसी बड़े पद पर होगा। जातक आलसी और एकांत प्रिय हो सकता है। जातक के पास आजीविका अच्छे साधन होंगे। उसकी तरक्की अन्य ग्रहों की स्तिथि पर निर्भर होगी।

मीन लग्न – मीन लग्न की कुंडली में शनि कुम्भ राशि में बारहवें भाव में बैठेंगे। जो की बहुत धन की हानि करने वाला योग होगा, जातक झूठ बोलने वाला और बड़बोला होगा। जातक जो भी मेहनत करेगा उसका धन व्यर्थ खर्च हो जायेगा। जीवन में खर्चे बहुत आधी होंगे। अगर जातक विदेश में बसता है तो धन लाभ होने की सम्भावना बनेगी।

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