3 और 5 मुखी वृश्चिक राशि के लिए रुद्राक्ष

रुद्राक्ष जीवन के सभी कष्टों को दूर करने की शक्ति रखता है, वृश्चिक राशि के लिए रुद्राक्ष धारण करना उनके जीवन को सफल बनाता है।

वृश्चिक राशि के लिए रुद्राक्ष

साथियों आज हम बात कर रहे है वृश्चिक राशि के शुभ रुद्राक्ष बारे में, वृश्चिक राशि यानि की वह जातक जिनकी जन्म कुंडली में चंद्र वृश्चिक राशि में है। जिसे हम चंद्र राशि बोलते है और जो जातक की सही राशि होती है।

अगर आपकी जन्म राशि वृश्चिक है तो आप बहुत स्वाभिमानी होते है, किसी भी बात को स्पष्ट रूप से मुंह पर बोल देते है जो कभी आपके लिए फायदेमंद भी साबित होता है तो कभी ये आपको नुकसान भी दे देता है।

वृश्चिक जातकों के स्वाभिमानी नेचर को लोग उनका घमंड समझ बैठते है। लेकिन ये लोग घमंडी बिलकुल नहीं होते। ये जिस कार्य को करने की सोच लेते है उसे ये करके ही मानते है। किसी की गलत बात का तुरंत कटाक्ष कर देते है और कभी किसी के सामने झुकना पसंद नहीं करते।

वृश्चिक राशि के जातकों का जीवन कुछ कष्टों और परिश्रम भरा रहता ही है। उन्हें सजा सजाया भविष्य नहीं मिलता है, उनको अपनी स्वयं की मेहनत से ही अपने भविष्य का निर्माण करना होता है।

अगर आपकी वृश्चिक राशि है और आप वर्तमान समय में कुछ कष्टों और परेशनियों से गुजर रहे है, मानसिक अस्थिरता चल रही है, किसी प्रकार की स्वास्थय की समस्या से गुजर रहे है और इन सबसे छुटकारा पाना कहते है तो आज हम इसे विषय पर जानकारी प्राप्त करेंगे।

आपके जीवन में चल रही परेशानियों को दूर करने के लिए हम आपको रुद्राक्ष के बारे में जानकारी देंगे जिससे आपके जीवन में चल रहे कष्ट दूर हो। रुद्राक्ष इतना प्रभावशाली और चमत्कारी है की इससे जीवन में चल रही आर्थिक, कारोबारी, मानसिक, धन, स्वास्थय आदि की सभी परेशानियों से मुक्त हुआ जा सकता है। रुद्राक्ष इतना प्रभावशाली है की यह आसपास की हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा को ख़त्म कर देता है।

सभी 12 राशियों के अलग अलग रुद्राक्ष है। रूद्रपुराण और ग्रंथो के अनुसार 1 मुखी से 14 मुखी रुद्राक्ष होते है और सभी के अपने अलग प्रभाव है। आइये जानते है की वृश्चिक राशि के लिए कौन सा रुद्राक्ष है जो उनके जीवन के सभी कष्टों को ख़त्म कर देता है।

3 और 5 मुखी वृश्चिक राशि के लिए रुद्राक्ष

वृश्चिक राशि के जातक अपने जीवन के सभी कष्टों को दूर करने के लिए 3 मुखी रुद्राक्ष और 5 मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। यह दोनों ही रुद्राक्ष वृश्चिक जातकों को भोलेनाथ का आशीर्वाद प्रदान करेंगे। इन रुद्राक्ष को धारण करने से इन जातकों के जीवन से सभी कष्ट दूर होते है, कारोबार में उनत्ति, आर्थिक उनत्ति, परिवार में सुख-शांति और स्वास्थय में लाभ होता है।

3 मुखी रुद्राक्ष

वृश्चिक जातकों का राशि स्वामी मंगल है, वृश्चिक जातकों पर मंगल का पूर्ण अधिकार होता है और यही कारण है की इन जातकों के स्वाभाव में मंगल के ही प्रभाव देखने को मिलते है। इसलिए वृश्चिक जातकों को अपने देवता मंगल को प्रस्सन करने के लिए 3 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। 3 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से इन जातकों का मंगल बहुत शुभ और प्रभावशाली हो जाता है।

मंगल वृश्चिक जातकों के जीवन के स्वामी है, अगर इनकी कुंडली में मंगल किसी कारण से पीड़ित, कमजोर या अशुभ हो रहे हो तो 3 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मंगल शुभ हो जाते है। अन्य ग्रहों के संपर्क से मंगल की अशुभता ख़त्म होती है। जब मंगल के शुभ प्रभाव जातक तक पहुंचने लगते है तो उसके सभी कार्य पूर्ण और सफल होने लगते है, उसकी कारोबारी और आर्थिक स्तिथि दमदार होने लगती है और जातक का मनोबल और प्रसिद्धि की वृद्धि होती है। इसलिए वृश्चिक जातकों को 3 मुखी रुद्राक्ष जरूर धारण करना चाहिए।

5 मुखी रुद्राक्ष

5 मुखी रुद्राक्ष को विशेष पूजनीय माना गया है, इसे धारण करने से व्यक्ति आध्यात्मिक क्षेत्र और सफलता की और बढ़ता है। 5 मुखी रुद्राक्ष भी वृश्चिक जातकों के लिए भाग्यशाली रुद्राक्ष है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से वृश्चिक जातकों को नये अवसर प्राप्त होते है, उनके जीवन की बहुत सी परेशानियों के रास्ते निकलते है। नये कारोबारी अवसर प्राप्त होते है और शरीर के रोग नष्ट होते है।

5 मुखी रुद्राक्ष वृश्चिक जातकों की चिंताओं को दूर करता है, मन और जीवन में प्रसन्नता लाता है। व्यक्ति के मनोबल और मन को एकाग्र करता है, अगर कोई शारीरिक रोग चल रहा है तो उसे ख़त्म करता है। इसलिए 3 और 5 मुखी वृश्चिक राशि के लिए रुद्राक्ष बहुत विशेष है और हर वृश्चिक जातक को इसे धारण करना चाहिए।

3 और 5 मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें।

रुद्राक्ष धारण करने से पहले उसकी पूजा करना बहुत जरुरी होता है। शिव मंदिर जाकर शवलिंग के समक्ष बैठकर भोलेनाथ का ध्यान करें, रुद्राक्ष को उनके सामने रखकर 5 मुखी रुद्राक्ष का मन्त्र “ॐ ह्रीं क्लीं नम:” 108 बार जाप करना चाहिए और 3 मुखी रुद्राक्ष के लिए “‘ॐ क्लीं नम:” मन्त्र का भी 108 बार जाप करने के बाद उसे लाल धागे में पिरोकर गले में धारण करना चाहिए।
धारण करने के बाद बीच बीच में रुद्राक्ष की पूजा अर्चना जरूर करते रहना चाहिए इससे रुद्राक्ष प्रभावशाली बना रहता है।

Leave a Comment