शनि की साढ़े साती का नाम आते ही सब दहशत में आ जाते है, साढ़े साती वह साढ़े 7 वर्ष होते है जब शनि अपने पूर्ण प्रभाव में रहते है। यह वह समय होता है जब शनि जातक को अनेक प्रकार के अच्छे बुरे प्रभाव देखने को मिलते है। शनि की साढ़े साती के टोटके और उपाय
जिन व्यक्तियों की कुंडली में शनि शुभ रहते है, उन्हें शनि देव की साढ़े साती के कम दुष्प्रभाव झेलने पड़ते है और जिन व्यक्तियों की कुंडली में शनि नीच के हो, अशुभ भाव में हो, अन्य ग्रहों से पीड़ित हो तो ऐसे व्यक्तियों को शनि की साढ़े साती में अत्यंत कष्ट झेलने पड़ सकते है।
किसी जातक पर शनि की साढ़े साती चल रही है या नहीं वह उसकी जन्म पत्रिका से जाना जा सकता है। जन्म पत्रिका में शनि की साढ़े साती का समय विवरण रहता है, किसी भी व्यक्ति के जीवन में 3 बार शनि की साढ़े साती आती है, जिसमे से भी बहुत से व्यक्ति अपने जीवनकाल के केवल 2 साढे साती ही देख पाते है। हर 22 साल में व्यक्ति के जीवन में साढ़े साती आती है।
शनि की साढ़े साती के टोटके और उपाय
शनि देव की साढ़े साती में 3 चरण रहते है, हर चरण ढाई वर्ष का रहता है। आइये जाने इन चरणों में शनि के के प्रभाव रहते है।
साढ़े साती का प्रथम चरण व्यक्ति को आलसी बनाता है, व्यक्ति एकांत में रहना पसंद करता है, वह कुछ ना कुछ सोचता रहता है, उसका किसी भी कार्य में मन नहीं लगता, वह बार बार अपने काम को बदलता रहता है। वह किसी विवाद या कोर्ट कचहरी के चक्करों में भी पड़ सकता है, उसके स्वास्थय में भी गिरावट आ सकती है, जिसकी वजय से उसे कई बार हॉस्पिटल तक के दर्शन करने पड़ सकते है।
शनि देव की साढ़े साती का दूसरा चरण व्यक्ति को जीवन में बहुत परिश्रम करवाते हुए आगे बढ़ाता है, अगर जन्म पत्रिका में शनि योगकारक है तो यह समय व्यक्ति को राजा से रंक भी बना देता है, वही अगर व्यक्ति की कुंडली में शनि अशुभ है तो व्यक्ति अपना सबकुछ खो भी सकता है। अगर व्यक्ति बुरे कर्मों से जुड़ा रहता है तो उसे बहुत कष्ट झेलने पड़ते है। शनि देव की दूसरे चरण की साढ़े साती व्यक्ति को कारोबारी और आर्थिक शुभ अशुभ परिणाम दिखलाती है।
शनि देव की तीसरे चरण की साढ़े साती जिसे जाती हुई साढ़े साती भी बोला जाता है, यह ढ़ाई वर्ष शनि अपने प्रभाव काफी कम कर देते है। यह समय पहले दोनों चरणों से कम हानिकारक होता है, यह समय व्यक्ति को छोटी मोटी शारीरिक परेशानियां और कुछ परेशानियां नौकरी, कारोबार और धन सम्बंधित भी देता हुआ जाता है।
आइये जाने जब जीवन में शनि की साढ़े साती चल रही हो तो किन शनि की साढ़े साती के टोटके और उपाय आजमाने चाहिए।
शनि की साढ़े साती के टोटके और उपाय
- मांस मदिरा का सेवन ना करें।
- क्रोध, लड़ाई झगड़ों और विवादों से दूर रहे।
- नित्य भैरव चालीसा का पाठ करें।
- नित्य शनि चालीसा का पाठ करें।
- नियमित रूप से हर शनिवार शनि मंदिर दर्शन करें और मंदिर में सरसों तेल का दीप जलाए।
- नित्य प्रतिदिन सुबह ॐ शं शनिश्चराय नमः मंत्र का जाप 108 बार करें।
- शनिवार की संध्या गरीबों की काले कपडे, काले तिल, सरसों तेल, उड़द दाल, काली चप्पल का दान करें।
- विधि विधान से नित्य गणेश जी की पूजा करें।
- नित्य शुद्ध जल में काले तिल और बेल पत्र मिलाकर शिवलिंग का अभिशेख करें।
- हनुमान जी की पूजा करने से, नियमित हनुमान चालीसा करने शनि देव बहुत प्रस्सन रहते है।
- काले कुत्ते और बंदरों को भोजन दें।
- रात को सोते समय अपने सिराहने के निचे मुट्ठी भर काली उड़द की दाल रखें, सुबह या तो उसे नदी में प्रवाहित करें या फिर पक्षियों को डाल दे, ऐसा हर शनिवार करें।
- शनिवार की संध्या पीपल पेड़ के नीचे सरसों तेल का दीप जलाए, जड़ में काले तिल और गुड़ चढ़ाए।
- बरगद के पेड़ की जड़ में दूध चढ़ाए।
- बरगद के पेड़ की जड़ को दूध में घिसकर उसका तिलक लगाए।
- नित्य नियमित प्रतिदिन महामृत्युंजय का पाठ करें।
- किसी भी प्रकार के तांबे का सिक्का नदी में प्रवाहित करें।
- शनिवार के दिन लोहे का दान करें।
- अपने पास या आस पास किसी भी प्रकार के लोहे के औजार या शास्त्र बिलकुल ना रखें।
- आटे की मीठी गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाए।
- इस समय अपने आचरण को अच्छा रखें और औरतों के प्रति बुरी नजर बिलकुल ना रखें।
- झूठ फरेब, कारोबारी धोखा धड़ी, लालच से बचें यह आपको बहुत नुकसान दे सकता है।
- काले घोड़े के नाल की अंगूठी अपनी मध्यमा उंगली में पहनें।
- गले में शनि यंत्र धारण करने से शनि देव की साढ़े साती में बुरे प्रभाव बहुत कम हो जाते है।
- सभी से नम्र व्यवहार रखें, शुद्ध रहे और स्वच्छ कपडे पहनें।
तो साथियों यह कुछ ऐसे उपाय और टोटके है जिन्हें आप शनि की साढ़े साती में अपनाकर बुरे प्रभावों से सुरक्षित रह सकते है।