Astro Tips: लहसुनिया स्टोन के बारे में सम्पूर्ण जानकारी और महत्व जानें

लहसुनिया “नवरत्नों” में से एक है। लहसुनिया छाया ग्रह केतु का प्रतिनिधित्व करता है, केतु के बुरे प्रभावों को समाप्त करता है और शुभ प्रभावों को बढ़ाता है।

लहसुनिया स्टोन

लहसुनिया स्टोन नवरत्नों में एक ऐसा अनोखा रत्न है, जो बिल्ली की आंख की तरह दिखता है। हरे, हल्के हरे, पीले, भूरे और सफेद रंग के इस खूबसूरत रत्न पर एक चमकीली धारी होती है, जो इसकी सुंदरता को बढ़ा देती है, इस चमकीली धारी के कारण यह बिल्ली की आंख जैसा दिखता है। शायद इसी वजह से अंग्रेजी में इसका नाम ‘कैट्स आई’ रखा गया है।

कैट्स आई रत्न नवरत्नों में से एक ऐसा रत्न है, जो बहुत जल्द अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देता है। कैट्स आई में केतु ग्रह के प्रभावों की अनंत ऊर्जा होती है।

कैट्स आई रत्न को कई नामों से जाना जाता है, जैसे संस्कृत में “वैदूर्य”, उर्दू और हिंदी में “लहसुनिया” आदि।

केतु ग्रह और लहसुनिया स्टोन

वैदिक ज्योतिष के अनुसार छाया ग्रह केतु अपना भौतिक अस्तित्व कायम नहीं रखता, फिर भी यह मानव जीवन पर बहुत प्रभावशाली प्रभाव डालता है। यदि किसी व्यक्ति के जीवन पर केतु का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है तो व्यक्ति का मन आध्यात्म की ओर झुकता है, वह आध्यात्म के क्षेत्रों से जुड़ा रहता है। वह ज्ञानी होता है और उसके जीवन में अचानक कई बदलाव होने लगते हैं। कभी-कभी तो उसे अचानक धन और आर्थिक लाभ मिलने लगता है।

इसके विपरीत इसका नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर विपरीत प्रभाव डालता है, वह गरीब, धनहीन, खराब स्वास्थ्य, जुआरी, नशेड़ी बन जाता है। नकारात्मक केतु व्यक्ति के जीवन को नरक बना सकता है।

केतु ग्रह को एक धार्मिक ग्रह और मोक्ष प्रदान करने वाला ग्रह माना जाता है, क्योंकि केतु का रत्न धारण करने से व्यक्ति के अंदर भक्ति, ज्ञान और रचनात्मकता बढ़ती है।
वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार केतु ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए इस रत्न को धारण किया जाता है।

जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली पर केतु का अशुभ प्रभाव पड़ता है तो ऐसा व्यक्ति अक्सर बीमार रहता है, वह किसी असाध्य रोग से पीड़ित रहता है, या फिर किसी ऐसी बीमारी से घिरा रहता है जिसका पता नहीं चलता। ऐसे व्यक्तियों को लहसुनिया स्टोन पहनने की सलाह दी जाती है।

लहसुनिया स्टोन पहनने के ज्योतिषीय लाभ

जब जन्म कुंडली में केतु ग्रह की स्थिति कमजोर हो तो केतु को मजबूत करने के लिए कैट्स आई पहनने की सलाह दी जाती है।

केतु एक आध्यात्मिक ग्रह है, इसलिए आध्यात्मिक क्षेत्रों में लाभ पाने के लिए केतु रत्न पहनने की सलाह दी जाती है।

जन्म कुंडली में केतु की खराब स्थिति दुख, दर्द और दरिद्रता पैदा करती है, ऐसे में कैट्स आई पहनने से दुख, दर्द और समृद्धि खत्म हो जाती है।

कैट्स आई रत्न धारण करने से मन शांत होता है, मौज-मस्ती भरी जिंदगी का मोह खत्म होता है और मन आध्यात्म की ओर बढ़ता है।

कैट्स आई पहनने से व्यक्ति के जीवन में अचानक शुभ बदलाव आ सकते हैं, व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन दोनों में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

कैट्स आई पहनने से ट्रेडिंग, शेयर मार्केटिंग, कैसिनो कारोबार में अच्छा मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है।

यदि कोई व्यक्ति धन हानि, दुर्भाग्य, स्वास्थ्य समस्याएं, मानसिक रोग, आर्थिक हानि, भूत-प्रेत बाधा से परेशान है तो कैट्स आई धारण करने से वह इन सभी परेशानियों से छुटकारा पा सकता है।

विवाह के लिए लहसुनिया स्टोन का क्या महत्व है?

कैट्स आई विवाहित और अविवाहित दोनों जोड़ों के लिए विशेष रूप से लाभकारी रत्न साबित होता है। यदि कोई अविवाहित युवक या युवती कैट्स आई रत्न धारण करता है तो उसे निश्चित रूप से एक अच्छा जीवनसाथी पाने में मदद मिलती है।

यदि यह रत्न कोई शादीशुदा जोड़ा धारण करता है तो उनके जीवन में असीम प्रेम की वृद्धि होती है, दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं, जीवन में सकारात्मकता आती है और दोनों जोड़े सुखी वैवाहिक जीवन का आनंद लेते हैं।

लहसुनिया स्टोन के विशेष प्रभाव

केतु के दुष्प्रभाव से पीड़ित व्यक्ति के लिए कैट्स आई पहनना बहुत फायदेमंद उपाय है।

कैट्स आई केतु के नकारात्मक प्रभावों को नष्ट करता है, व्यक्ति को शत्रुओं से बचाता है और शत्रुओं का नाश करता है। रोग दूर करता है, अच्छा स्वास्थ्य देता है।

यह आर्थिक समस्याओं को दूर करने में सहायक सिद्ध होता है, धन लाभ देता है, नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करता है, जादू-टोने, भूत-प्रेत की बाधाओं को दूर करता है, व्यक्ति के चारों ओर धार्मिक वातावरण बनाता है।

लहसुनिया स्टोन पहनने के नियम

केतु का रत्न कैट्स आई कभी भी बिना सोचे समझे नहीं पहनना चाहिए, केतु एक राक्षस ग्रह है, इसके दुष्प्रभाव अधिक होते हैं, इसलिए यह रत्न अपना शुभ और अशुभ प्रभाव बहुत जल्दी दिखाता है, इसलिए कैट्स आई को हमेशा किसी ज्योतिषी की सलाह से ही पहनना चाहिए।

कैट्स आई पहनने से पहले इसे गंगा जल से शुद्ध कर लेना चाहिए, शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद कैट्स आई रत्न धारण करना चाहिए।

पूरे विधि-विधान से पूजा पाठ करते हुए केतु मंत्र “ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः” का 108 बार जाप करते हुए कैट्स आई को मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए।

कैट्स आई का छल्ला अष्टधातु की अंगूठी में बनवाना चाहिए।

कैट्स आई रत्न 6 कैरेट या उससे अधिक का ही पहनना चाहिए।

FAQ…

केतु रत्न किसे धारण करना चाहिए?

यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में केतु का अशुभ प्रभाव उत्पन्न हो रहा हो तो ऐसी स्थिति में केतु रत्न धारण करना लाभकारी होता है। यह देखना जरूरी है कि केतु किस प्रकार प्रभावित और हानिकारक हो रहा है।

यदि केतु किसी अशुभ भाव में हो तो ऐसी स्थिति में केतु का रत्न नहीं पहनना चाहिए
और यदि केतु सूर्य, मंगल, शनि से दूषित हो रहा हो तो केतु का रत्न अवश्य धारण करना चाहिए।

यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में केतु पहले, तीसरे, चौथे, पांचवें, नौवें और दसवें घर में स्थित है और शुभ प्रभाव दे रहा है तो कैट आई पहनना बहुत फायदेमंद होता है।

केतु रत्न कैसे धारण करते हैं?

लहसुनिया स्टोन को चांदी या अष्टधातु की अंगूठी या लॉकेट में पहनना चाहिए,कैट्स ऑय को हमेशा मध्यमा या छोटी उंगली में मंगलवार की सुबह सूर्योदय के बाद पहनना चाहिए। इसे धारण करने से पहले पूरे विधि-विधान से पूजा और केतु मंत्रों का 108 बार जाप करना जरूरी है।

कैट्स ऑय स्टोन किसे नहीं पहनना चाहिए?

यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में केतु तीसरे, छठे, आठवें या बारहवें भाव में हो तो कैट्स ऑय नहीं पहनना चाहिए।