कर्क लग्न की कुंडली में मंगल शुभ भावों के स्वामी बनते है, आइये विस्तार से जानें की क्या कर्क लग्न में लाल मूंगा धारण किया जा सकता है।
Red coral benefits: कर्क लग्न में लाल मूंगा धारण
कर्क लग्न के जातकों का स्वामी चंद्र होते है और चंद्र और मंगल की आपसी मित्रता भी है, जब चंद्र और मंगल दोनों ग्रह कुंडली के शुभ भाव में बैठते है तो लक्ष्मी योग का निर्माण होता है। लक्ष्मी योग बनने से जातक के पास बहुत धन होता है, वह अपने जीवन में बहुत उनत्ति और तरक्की करता है।
कर्क लग्न में मंगल पंचम और दशम भाव का स्वामी होता है। दोनों ही भाव बहुत शुभ है, इसलिए कर्क लग्न के जातकों के जीवन में अपने लग्न के स्वामी चंद्र के बाद मंगल की विशेष भूमिका हो जाती है। आइये जाने कर्क लग्न की कुंडली में मंगल कहां रहने से शुभ होगा और कहां अशुभ होगा।
जैसे की पहले बताया कर्क लग्न में मंगल कारोबार, नौकरी, धन, जीवन में मांगलिक कार्य और संतान सुख का स्वामी होता है, किसी भी व्यक्ति के जीवन इन्हीं की अहमियत बहुत अधिक होती है। ऐसे में अगर मंगल लग्न या अष्ठम में बैठा होगा तो जातक को कारोबार, नौकरी, स्वास्थय, धन और संतान सुख में बहुत परेशानी करेगा। ऐसी स्थिति में मंगल के दोष दूर करने के लिए लाल मूंगा धारण करना अत्यंत आवश्यक हो जायेगा।
अगर कर्क लग्न में मंगल दूसरे, पांचवें, नवम, दशम और ग्यारहवें भाव में होगा तो अत्यंत शुभ फल प्रदान करेगा। वहीं अगर मंगल तीसरे, चौथे, सातवें या बारहवें भाव में बैठा होगा तो मंगल के साधारण शुभ प्रभावों की प्राप्ति होगी।
लाल मूंगा धारण
कर्क लग्न के लिए लाल मूंगा एक अत्यंत शुभ रत्न है, लाल मूंगा इन जातकों को बुद्धि, धन, संपत्ति, शिक्षा, प्रसिद्धि, संतान सुख, व्यापारिक लाभ और राजयोग प्रदान करता है। इसलिए कर्क लग्न के जातकों को लाल मूंगा आजीवन धारण करना चाहिए।