मिथुन लग्न में मंगल 2 मारक भाव छठे और ग्यारहवें भाव का स्वामी बनता है, आइये जानें की क्या मिथुन लग्न में लाल मूंगा धारण किया जाना चाहिए।
Red coral benefits: मिथुन लग्न में लाल मूंगा धारण
मिथुन लग्न में लाल मूंगा धारण करने के कोई विशेष योग नहीं बनते है, केवल 1-2 अनुकूल परिस्थितियों में ही लाल मूंगा धारण किया जा सकता है, इसी बात को आप कुछ विस्तार से समझे।
मिथुन लग्न यानि की लग्न के प्रथम भाव में मिथुन राशि का स्तिथ होना या ऐसे जान ले की लग्न यानी की प्रथम भाव में 3 नंबर अंकित रहना। मिथुन लग्न का स्वामी बुध ग्रह है और मिथुन लग्न के जातक पर और उसे पुरे जीवन पर बुध ग्रह के सम्पूर्ण प्रभाव रहते है। अब बुध के क्षेत्र में मंगल ग्रह की भूमिका कैसी होगी, बुध और मंगल की आपसी शत्रुता होती है, दूसरा मिथुन लग्न की कुंडली में मंगल छठे और ग्यारहवें भाव का स्वामी होता है, दोनों ही भाव मारक भाव है। इसलिए इस लग्न में जातक को मंगल के बहुत शुभ प्रभाव नहीं मिलने वाले है।
इस लग्न में जब मंगल दूसरे, तीसरे, पांचवे, सातवें, दसवें भाव में होगा तो जातक को जीवन में कारोबार या नौकरी से अच्छा लाभ होगा और धन-संपत्ति के भी बहुत अच्छे योग बनेंगे। जबकि अगर मंगल प्रथम, चतुर्थ, छठे, आठवें, नौवें और बारहवें भाव में होगा तो जातक के ऊपर ऋण रह सकता है, ऋण लेने पर उसे उतराने में परेशानियां हो सकती है, कारोबार से लाभ कम होगा।
लाल मूंगा धारण
मिथुन लग्न की कुंडली में lal moonga धारण करना वर्जित है। लेकिन अगर फिर भी मूंगा धारण करना चाहें तो अगर मंगल दूसरे, तीसरे, पांचवे, सातवें, दसवें भाव में बैठा हो तो मंगल की महादशा में मूंगा धारण करके देखा जा सकता है या फिर किसी ज्योतिष की सलाह लेनी चाहिए।