वृषभ लग्न की कुंडली में मंगल मारक भावों के स्वामी होते है। आइये इस पोस्ट में जानकारी प्राप्त करते है की क्या वृषभ लग्न में लाल मूंगा धारण किया जा सकता है।
Red coral benifits: वृषभ लग्न में लाल मूंगा धारण
वृषभ लग्न यानि की लग्न कुंडली के प्रथम भाव में वृषभ राशि या नंबर 2 का होना। वृषभ लग्न का स्वामी शुक्र होता है, यानि की जिस किसी व्यक्ति का भी वृषभ लग्न है उसपर जीवनभर शुक्र ग्रह के सम्पूर्ण प्रभाव रहने वाले है। अब प्रश्न यह है की क्या वृषभ लग्न के जातक लाल मूंगा धारण कर सकते है।
शुक्र और मंगल का संबंध शत्रुता का नहीं होता, इसलिए वृषभ लग्न के जातक मूंगा धारण तो कर सकते है लेकिन यह देखना जरूरी होता है की कुंडली में मंगल शुभ है या अशुभ। वृषभ लग्न में मंगल सप्तम और द्वादश भाव का स्वामी होता है। दोनों ही भाव मंगल के लिए शुभ नहीं माने जाते है।
अगर वृषभ लग्न में मंगल चतुर्थ या नवम भाव में विराजमान हो तो इन जातकों के लिए मंगल करोबारी, आर्थिक, धन और संपत्ति के लिए लाभकारी होगा। जब इनके जीवन में मंगल की महादशा या अन्तर्दशा आएगी तो इन्हें आर्थिक एवं वित्तीय लाभ होने के योग बनेंगे।
वृषभ लग्न में अगर मंगल पंचम भाव में स्तिथ है तो जातक स्त्री के पीछे विवाह के लिए दौड़ता है।
वृषभ लग्न में अगर मंगल प्रथम, द्वितीय, तृतीय, सप्तम, एकादश भाव में होगा तो सामान्य शुभ फल प्राप्त होंगे। अगर मंगल छठे, अष्ठम, दशम और द्वादश भाव में होगा तो अशुभ फलों की प्राप्ति होगी। द्वादशा भाव में मंगल होने से तो शादी में परेशानी, शादी में विलम्ब और वैवाहिक जीवन में अस्थिरता भी देखने को मिलेगी।
वृष लग्न में लाल मूंगा धारण
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार वृषभ लग्न के जातकों के लिए लाल मूंगा धारण करना निषेद है क्योंकि सप्तम और द्वादश भाव मारक होते है और मारक भाव के रत्न धारण नहीं किये जाते है। फिर भी अगर वृषभ लग्न की कुंडली में मंगल नवम भाव में उच्च का होकर बैठा है तो मंगल की महादशा में मूंगा धारण किया जा सकता है। अन्य समय में मूंगा धारण का शुभ नहीं होगा, इसलिए धारण नहीं किया जाना चाहिए। अच्छा होगा की किसी ज्योतिष से सलाह लेकर ही निर्णय लिया जाये।