Kumbh Rashi Ratna: कुंभ राशि वालों को कौन सा पत्थर पहनना चाहिए

कुंभ राशि के जातकों पर शनि के प्रभाव रहते है, आइये जानते है की कुंभ राशि वालों को कौन सा पत्थर पहनना चाहिए जो उनके जीवन को उनत्ति की ओर ले जाये।

कुंभ राशि वालों को कौन सा पत्थर पहनना चाहिए

ज्योतिष में रत्न शास्त्र के अनुसार रत्न राशि और ग्रहों की ऊर्जाओं का संचालन करते है, रत्न व्यक्ति के कमजोर भाग्य को पलटने की शक्ति रखते है। रत्नों में असीम ऊर्जा रहती है जो साधारण व्यक्ति को भी असाधारण बनाने में समय नहीं लगाती।

कुंभ राशि जो 11 वें पायदान की राशि है इसके स्वामी शनि देव है, इसलिए कुंभ जातकों पर न्याय के देवता शनि देव का आशीर्वाद रहता है। किसी भी व्यक्ति के जीवन में शनि के शुभ अशुभ प्रभाव हो सकते है, व्यक्ति के जीवन में शनि की महादशा भी चल सकती है और शनि की साढ़े साती का सामना तो व्यक्ति को अपने जीवन में 2 बार तो जरूर करना ही पड़ता है। ऐसे में कुंभ राशि वालों को कौन सा पत्थर पहनना चाहिए जो उनके जीवन को कष्टों और संकटों से दूर रखें।

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुंभ राशि वालों को नीलम, जमुनिया या नीली में से कोई एक राशि रत्न धारण करना चाहिए, जो उनको सुरक्षित रखें और उनके जीवन को संकटो से दूर रखें। यह तीनों रत्न ही शनि के रत्न है, जिसमें नीलम शनि का मुख्य रत्न है और जमुनिया और नीली शनि के उपरत्न है।

कुंभ जातकों को अपनी उपलब्धता के अनुसार इन तीनों रत्नों में से कोई भी एक रत्न जरूर धारण करना चाहिए। रत्न को धारण करने से कुंभ जातक के जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और उसके आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है। शनि का रत्न कुंभ जातकों के लिए वरदान समान है, क्योंकि शनि के इन रत्नों में शनि ग्रह के शुभ प्रभाव समाये रहते है जो धारण करने के बाद प्राप्त होने शुरू हो जाते है।

इन रत्नों को धारण करने से जातक का जीवन भाग्यशाली बनता है, जातक अपने जीवन में निरंतर उनत्ति करता चला जाता है, उसे अपने कारोबार में लाभ और बरकत होने लगती है और उसकी आर्थिक स्तिथि मजबूत होती चली जाती है। रत्न धारण करने से कुंभ जातकों का मनोबल बढ़ता है, उनका स्वास्थय मजबूत होता है, अगर वे किसी बीमारी से गुजर रहे है तो उनकी बीमारी में भी सुधार होने लगता है।

किसी भी कुंभ जातक को अपने राशि देवता शनि का रत्न जरूर धारण करना चाहिए। यह उन्हें पूर्ण सुरक्षा प्रदान करेगा। शनि के रत्न नीलम, जमुनीय या नीली, इनमें से कुंभ जातक अपनी इच्छा से चुनाव करते हुए उसे चांदी में बनवाकर शनिवार की संध्या को धारण करना चाहिए।
धारण करने से पहले अंगूठी का गंगाजल से शुद्धिकरण, पूजा, शनि मन्त्र जाप करने के बाद ही धारण करें।

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