नीलम रत्न के फायदे और नुकसान क्या हो सकते है

नीलम रत्न के फायदे और नुकसान

Blue Sapphire: नीलम धारण करने से शनि के प्रभाव बढ़ते है, व्यक्ति अगर ऊंचाइयों पर पहुंच सकता है तो उसका बड़ा नुकसान भी हो सकता है। आइये जाने नीलम रत्न के फायदे और नुकसान

नीलम रत्न

Blue Sapphire: यानी की नीलम, नीलम एक ऐसा रत्न है जो रंक को राजा और राजा को रंक बनाने में समय नहीं लगाता, नीलम शनि देव का रत्न है, यह एक ऐसा रत्न है जिसे बगैर सोचे समझे धारण नहीं करना चाहिए। नीलम जन्म कुंडली के गहन विश्लेषण के बाद ही धारण किया जाना चाहिए।
यह ऐसा रत्न है जो आपको शुभ फल गया तो आपको जीवन की शीर्ष ऊंचाइयों तक ले जाता है और अगर आपको नहीं फला तो आपके जीवन को बड़ा नुकसान भी पंहुचा देता है।

Blue Sapphire नीलम: रत्न शास्त्र के अनुसार रत्न व्यक्ति के जीवन में बहुत से शुभ प्रभाव बढ़ा सकते है, रत्न धारण करने से व्यक्ति के जीवन में ग्रहों की शुभ अशुभ घटनाओं को बहुत हद तक परिवर्तित किया जा सकता है, रत्न धारण को बेहद शुभ माना गया है। कुल 9 प्रकार के नवरत्न होते है जिनमें नीलम भी एक रत्न है, जो शनि ग्रह की ऊर्जा का संचालन करता है, ऐसा नहीं है की इस रत्न को कोई भी धारण कर सकता है। नीलम जहां व्यक्ति के भाग्य को पलटने की शक्ति रखता है, वहीं यह व्यक्ति का सर्वनाश भी कर सकता है। नीलम धारण करने से पहले गहनता से सोच विचार करना जरुरी है। आइये जानते है नीलम रत्न के फायदे और नुकसान

नीलम रत्न के फायदे

  • रत्नों में नीलम ही एक ऐसा रत्न है जो तुरंत अपने अच्छे बुरे प्रभाव दिखलाता है।
  • नीलम धारण करने से विशेष तौर पर ट्रांसपोर्ट, लोहा, तेल, टायर, कोयला, पेट्रोल, खनिज, इंडस्ट्री, लोहे के पार्ट्स के कारोबार में लाभ होता है।
  • नीलम सूट होने से व्यक्ति दिनों दिन अप्रत्याशित रूप से तरक्की करता चला जाता है।
  • नीलम धारण करने से व्यक्ति कारोबार या नौकरी में उच्च पद की प्राप्ति करता है।
  • नीलम धारण करने से व्यक्ति के पास धन संपत्ति की कमी नहीं रहती।
  • नीलम धारण करने से व्यक्ति निरन्तर उनत्ति करता चला जाता है।
  • नीलम धारण करने से व्यक्ति दूसरों पर शासन करता है। उसके जीवन का हर कार्य संपन्न होता है।
  • नीलम धारण करने से व्यक्ति निरोग जीवन जीता है।

नीलम रत्न के नुकसान

  • अगर नीलम सूट नहीं करता जो व्यक्ति का जीवन संकट में पड़ सकता है।
  • नीलम धारण करने से तुरंत स्वास्थय गिरता है, मृत्यु तुल्य कष्ट हो सकता है, बाद आर्थिक नुकसान हो सकता है।
  • व्यक्ति के घर परिवार में अनिष्ट हो सकता है।
  • व्यक्ति की बड़ी धन हानि हो सकती है और व्यक्ति मारा मारा फिरने लगता है।
  • व्यक्ति अचानक अर्श से फर्श पर आ जाता है।
  • व्यक्ति को बड़ी शारीरिक बीमारी होने के आसार बन जाते है।

नीलम कौन धारण कर सकता है

नीलम धारण करने के लिए व्यक्ति की जन्म कुंडली का विश्लेषण करना जरुरी होता है। अगर कुंडली में शनि शुभ हो और शुभ भावों के स्वामी हो तो नीलम जरूर धारण करना चाहिए।

  • अगर कुंडली में शनि ग्रह प्रथम, पंचम, नवम, दशम भाव का स्वामी है तो नीलम धारण करना चाहिए।
  • अगर कुंडली में शनि की दशा शुभ है और शनि की साढ़े साती या महादशा चल रही हो तो नीलम जरूर धारण करना चाहिए।
  • जिनकी कुंभ और मकर राशि या लग्न है उन व्यक्तियों को नीलम जरूर धारण करना चाहिए।
  • जिनका वृष, मिथुन, कन्या, तुला लग्न या राशि हो उन्हें भी नीलम धारण करना चाहिए।
  • जिनकी कुंडली में शनि उच्च के होकर बैठे हो उन्हें नीलम धारण करना चाहिए।
  • अगर कुंडली में शनि शुभ भाव के स्वामी होने पर नीच के हो रहे हो तो नीलम जरूर धारण करना चाहिए।

अगर आप नीलम धारण करने का विचार बना रहे है तो पहले किसी योग्य ज्योतिष के अपनी कुंडली का विश्लेषण जरूर करवाए। नीलम धारण करने से पहले एक बार नीलम को अपने पास रखकर परिक्षण जरूर कर लें, अगर नीलम रखने के बाद आपको कोई बुरे स्वप्न आते है, कोई दुर्घटना हो जाती है या आर्थिक नुकसान हो जाये तो नीलम धारण करने से बचें।

नीलम धारण विधि

नीलम की अंगूठी को चांदी में बनवाकर, उसकी प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद शनिवार को शुभ मुहूर्त में अपने सीधे हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करें। अगर आप नीलम धारण करने की पूर्ण विधि जानना चाहते है तो हमारी नीलम पर अन्य पोस्ट भी पढ़े।

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