मेष लग्न में शुक्र का फल: Mesh Lagna

मेष लग्न में हर ग्रह की अपनी भूमिका और महत्त्व होता है, ऐसे ही मेष लग्न में शुक्र के अपने अलग प्रभाव है आइये जानते है मेष लग्न में शुक्र का फल

मेष लग्न में शुक्र का फल

मेष लग्न यानि की कुंडली के प्रथम भाव में नंबर 1 अंकित होना, मेष लग्न का स्वामी मंगल होता है और मेष लग्न के जातकों के जीवन पर मंगल का अधिकार रहता है। मेष लग्न के जातकों को अपने लग्न स्वामी मंगल को मजबूत, बलशाली और शुभ बनाने के लिए लाल मूंगा रत्न जरूर धारण करना चाहिए। इससे उनके जीवन को सुरक्षा के साथ साथ जीवन में कारोबारी और आर्थिक उनत्ति भी मिलेगी।

आज की इस पोस्ट में हम मेष लग्न में शुक्र का फल कैसा होगा इस बारे में जानकारी प्राप्त करने जा रहे है, तो आइये जानते है की मेष लग्न में शुक्र शुभ होते है या अशुभ।

Mesh Lagna: मेष लग्न में शुक्र का फल

सबसे पहले तो यह जानते है की मेष लग्न की कुंडली में शुक्र किस भूमिका में रहता है, शुक्र को कौन कौन से डिपार्टमेंट संभालने के लिए मिलते है। शुक्र मेष लग्न में दूसरे यानि की धन भाव और सप्तम यानि की पत्नी और विवाह भाव का प्रतिनिधित्व करता है। दोनों ही भाव किसी भी व्यक्ति के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसलिए शुक्र की भूमिका किसी भी मेष जातक के जीवन में बहुत अहम हो जाती है।

दसरे भाव का स्वामी शुक्र

शुक्र की प्रथम राशि वृषभ दूसरे भाव में होती है, अगर शुक्र कुंडली के पहले, दूसरे, चौथे, सातवें, नौवें, दसवें या ग्यारहवें भाव में विराजमान होंगे तो जातक अपने जीवन में बहुत अच्छे धन लाभ का जीवन व्यतीत करेगा, जातक के जीवन में धन की कभी कमी नहीं होगी, जातक को जीवन में सभी सुख सुविधाओं के साधन नसीब होंगे, साथ ही जातक अपने जीवन में सभी प्रकार के सुखों का भरपूर आनन्द उठाएगा।

सप्तम भाव का स्वामी शुक्र

शुक्र की दूसरी राशि तुला सप्तम भाव का संचालन करती है, सप्तम भाव विवाह, वैवाहिक सुख और कारोबार को देखता है। अगर मेष लग्न में शुक्र प्रथम, द्वितीय, चतुर्थ, सप्तम, नवम, दशम, एकादश या द्वादश भाव में बैठा होगा तो जातक को बहुत सुन्दर और भाग्यवान जीवनसाथी मिलेगा, जातक वैवाहिक सुख का भोग करने वाला होगा, उसका कारोबार भी बहुत अच्छा होगा। शादी के बाद जातक के जीवन में बहुत अच्छी उनत्ति और धन लाभ होगा।

मेष लग्न की कुंडली में शुक्र का रत्न धारण

शुक्र का रत्न हीरा, सफ़ेद जिरकॉन या ओपल होता है। इस लग्न में शुक्र दूसरे और सप्तम भाव का स्वामी है, दोनों ही भाव शुभ तो है लेकिन मारक है, इसलिए मेष जातकों को शुक्र का रत्न कभी भी धारण नहीं करना चाहिए। अगर धारण करना ही है तो पहले अपनी कुंडली का किसी योग्य ज्योतिष से विश्लेषण करवाने के बाद शुक्र की महादशा में धारण करके परीक्षण कर सकते है, अगर आपको लगे की लाभ हो रहा है तो उसे शुक्र की महादशा में धारण कर सकते है।

निष्कर्ष

साथियों मेष लग्न में शुक्र का फल की इस पोस्ट में हमने आपको मेष लग्न में शुक्र की भूमिका और उसके लाभ बताये, अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो कमैंट्स जरूर करें।

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