“चंद्र मन्त्र”
“चंद्र मन्त्र“ चंद्र ग्रह के मन्त्र है, अगर आपकी कुंडली में चंद्र दोष है, पीड़ित है, नीच है तो आप इन मंत्रो के उच्चारण या रोज जाप करके ‘चंद्र ग्रह शांति‘ कर सकते है। ‘चंद्र ग्रह दोष निवारण‘ के लिए इन मंत्रो का जाप करना एक सटीक उपाय है। ऐसा नियमित करने से कुंडली में जनित चंद्र दोष लगभग ख़त्म हो जाते है।
किसी भी व्यक्ति की कुंडली में ‘चंद्र ग्रह के प्रभाव‘ बहुत महत्वपूर्ण होते है। चंद्र हमारे मन का कारक है। कमजोर चंद्र मानसिक परेशानियां उत्पन्न करता है। कमजोर इम्युनिटी सिस्टम देता है, श्वास रोग देता है, कला क्षेत्रों में बढ़ने नहीं देता, मन को शांत नहीं होने देता, जीवन में एकाग्रता की कमी करता है, साथ ही धन हानि भी करता है।
ऐसी स्तिथि में ‘चंद्र मन्त्र प्रभाव‘ एक महत्वपूर्ण उपाय होता है। इस मन्त्र का नियमित जाप करना ‘चंद्र ग्रह के उपाय‘ चंद्र ग्रह के सटीक उपायों में से एक है। इसलिए जिन व्यक्तियों की कुंडली में चंद्र दोष है उन्हें नियमित रूप से ‘चंद्र शांति मन्त्र‘ जरूर करना चाहिए।
“चंद्र मन्त्र” की सूची Tabel:
नीचे दिए गए सभी चंद्र मन्त्र बहुत महत्वपूर्ण है, आप अपनी जरुरत के हिसाब से मन्त्र का चुनाव करते हुए रोज नियमित 1 माला (108 बार) जाप जरूर करें और अपने जीवन में चंद्र की दशा को शुभ और मजबूत करें।
| क्रम संख्या | मन्त्र | उद्देश्य |
|---|---|---|
| 1 | ॐ सोमाय नमः | चंद्र ग्रह को शांत करने के लिए |
| 2 | ॐ सोमो नमः | मानसिक शांति और संतुलन के लिए |
| 3 | ॐ चन्द्राय नमः | चंद्र ग्रह के दोष दूर करने के लिए |
| 4 | ॐ श्री चंद्राय नमः | चंद्र ग्रह की स्थिति को मजबूत करने के लिए |
| 5 | ॐ मण्डलाय नमः | चंद्र से सम्बंधित कार्यों में सफलता पाने के लिए |
| 6 | ॐ नमो भगवते सोमाय चंद्राय नमः | चंद्र ग्रह की शुभ स्थिति को प्राप्त करने के लिए |
| 7 | ॐ रां रीं रौं चंद्राय नमः | चंद्र के प्रभाव को साकार और शुभ बनाने के लिए |
| 8 | ॐ शं सोमाय नमः | चंद्र ग्रह के प्रभाव को संतुलित करने के लिए |
| 9 | ॐ रामा चंद्राय नमः | मानसिक शांति और सुख-शांति के लिए |
| 10 | ॐ सोमेश्वराय नमः | चंद्र ग्रह के दोष निवारण के लिए |
निष्कर्ष
अगर आप अपने जीवन में “चंद्र मन्त्र” को शामिल करते है, तो कुंडली में चंद्र मजबूत होने के साथ किसी प्रकार के चंद्र दोष भी है तो वह पूरी तरह से ख़त्म होते है। कुंडली में चंद्र की बहुत अहम् भूमिका होती है। अगर कुंडली में चंद्र कमजोर या पीड़ित है तो आप यह मान ले की जीवन अव्यवस्थित रहता है। यहाँ तक की कमजोर चंद्र मन में आत्महत्या तक के विचार भी उत्पन्न कर सकता है। जो की एक बहुत बड़ा गुनाह है। इसलिए अगर आपकी कुंडली में चंद्र पीड़ित है तो नियमित “चंद्र मन्त्र” के साथ आप मोती रत्न भी धारण कर सकते है।
अगर आप मोती धारण करना चाहते है तो एक बार अपनी कुंडली में चंद्र की स्थिति की जाँच करवा लें। इसके लिए आप दुर्ग भिलाई ज्योतिष लक्ष्मी नारायण से परामर्श प्राप्त कर सकते है।