12 राशियाँ और राशियों का परिचय और राशियों के प्रतीक व स्वामी
ज्योतिष शास्त्र में यह 12 राशियाँ हैं।
- 1.मेष
- 2.वृष
- 3.मिथुन
- 4.कर्क
- 5.सिंह
- 6.कन्या
- 7.तुला
- 8.वृश्चिक
- 9.धनु
- 10.मकर
- 11.कुंभ
- 12.मीन
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राशियों के प्रतीक इस प्रकार है–
- मेष राशि का प्रतीक मेढ़ा,
- वृष या वृषभ राशि का प्रतीक बैल,
- मिथुन राशि का प्रतीक युवा दंपति,
- कर्क राशि का प्रतीक केकड़ा,
- सिंह राशि का प्रतीक सिंह,
- कन्या राशि का प्रतीक कुमारी,
- तुला राशि का प्रतीक तराजू के 2 पलड़े,
- वृश्चिक राशि का प्रतीक बिच्छू,
- धनु राशि का प्रतीक धनुर्धर,
- मकर राशि का प्रतीक मगरमच्छ,
- कुंभ राशि का प्रतीक कंधे पर रिक्त कलश लिए पुरुष और,
- मीन राशि का प्रतीक दो मछलियां।

राशियों का प्रभाव:-
ग्रहों के साथ-साथ जातक पर राशियों का भी प्रभाव पड़ता है। जो राशि जिस अंग की स्वामिनी होती है, तथा उसका जैसा स्वभाव होता है। वैसा ही स्वभाव उस राशि में जन्म लेने वाले मनुष्य का हो जाता है। इस स्वभाव को वह कभी नहीं बदल सकता।
नवग्रह इन्हीं 12 राशियों पर अपनी तीव्र गति से निरंतर भ्रमण करते रहते हैं और इन्हीं राशियों में आकर उच्च ,नीच या सम होते हैं। जिस राशि में मनुष्य का जन्म होता है ,उस राशि में वह ग्रह यदि उच्च होता है तो मनुष्य प्रतिभाशाली और मान सम्मान पाने वाला होता है। यदि उस राशि में ग्रह नीच का होता है ,तो जातक भी नीच कर्म करने वाला होता है। तात्पर्य यह है कि राशि के स्वभाव के अनुसार व्यक्ति को जीवन प्रयन्त चलना पड़ता है।
समस्त राशिमंडल को एक विराट काल पुरुष मानते हुए मेष को सिर ,वृष को मुख, मिथुन को बाहु तथा गाल या वक्षस्थल, कर्क को हृदय, सिंह को कोख या पेट, कन्या को कमर, तुला को जननेंद्रिय, वृश्चिक को गुदा, धनु को कूल्हे तथा जांघ, मकर को घुटने, कुंभ को पिंडलियाँ और मीन को पैर माना है।
जन्म के समय जिस राशि में शुभ ग्रह होते हैं ,शरीर का वह भाग पृष्ठ होता है। जिस राशि में पापी ग्रह होते हैं ,उससे संबंधित शरीर का भाग रोग युक्त तथा पीड़ित होता है।
जन्म कुंडली में राशियों और ग्रहों के स्वरूप के समन्वय द्वारा ही फल का विचार किया जाता है। प्रेमी-प्रेमिका ,पति पत्नी ,अथवा एक मित्र का दूसरे मित्र के साथ कैसा संबंध है या रहेगा ,इसको देखने के लिए भी राशि के स्वभाव पर ध्यान दिया जाता है। जिस राशि का जैसा स्वभाव होता है, उन राशियों में उत्पन्न पुरुष तथा स्त्री का स्वभाव भी वैसा ही होता है।
राशियों के स्वामी ग्रह:-
प्रत्येक राशि का स्वामी ,एक ग्रह होता है।
- जैसे मेष राशि का स्वामी मंगल ग्रह है,
- वृष राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है,
- मिथुन राशि का स्वामी बुध ग्रह है,
- कर्क राशि का स्वामी चंद्र ग्रह है,
- सिंह राशि का स्वामी सूर्य ग्रह है,
- कन्या राशि का स्वामी बुध ग्रह है,
- तुला राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है,
- वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल ग्रह है,
- धनु राशि का स्वामी बृहस्पति ग्रह है,
- मकर राशि का स्वामी शनि ग्रह है और,
- कुंभ राशि का स्वामी भी शनि ग्रह है।
राशियों का स्वभाव:-
- मेष ,मिथुन, सिंह ,तुला, धनु और कुंभ पुरुष राशियां है।
- वृषभ, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर और मीन स्त्री राशियां है।
- मेष ,कर्क ,तुला और मकर चर संज्ञक राशियां है।
- वृषभ ,सिंह ,वृश्चिक और कुंभ स्थिर संज्ञक राशियां है,
- मिथुन, कन्या, धनु और मीन द्विस्वभाव संज्ञक राशियां है,
- धनु, सिंह, मेष ,अग्नि तत्व प्रधान राशिया है,
- कर्क, वृश्चिक, मीन, जल तत्व प्रधान राशियां है,
- वृषभ, कन्या, मकर पृथ्वी तत्व प्रधान राशियां है और,
- मिथुन, तुला, कुंभ, वायु तत्व प्रधान राशियां है।
Aaj ka rashifael
Mesh
मेष राशि का जीवन परिचय
https://idea4you.in/2022/01/01/mesh-rashi-ka-jiwan/
Mithun rashi enemy rashi or mitra rashi of mesh rashi
मिथुन राशि का स्वामी बुध ग्रह है, और मेष राशि का स्वामी मंगल ग्रह, मंगल, बुध को अपना शत्रु मानता है, लेकिन बुध, मंगल से ना शत्रुता रखता है और न ही मित्रता।