दशम भाव और 12 राशियों के प्रभाव:12 signs in the 10th House in Hindi

दशम भाव और 12 राशियों के प्रभाव

लक्ष्मी नारायण से जानें कि दशम भाव और बारह राशियों का व्यक्ति के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है। दशम भाव, जिसे कर्म भाव के नाम से भी जाना जाता है, इस स्थान पर स्थित राशियाँ व्यक्ति के जीवन में शुभ और अशुभ परिवर्तन लाती हैं। जानें दशम भाव और 12 राशियों के प्रभाव

दसवां भाव, जिसे अम्बर भाव, कर्म भाव, शास्त्र ज्ञान और गरिमा भाव के नाम से भी जाना जाता है, मुख्य रूप से व्यवसाय, पद, मान-प्रतिष्ठा, आजीविका, आत्मसम्मान, धार्मिक ज्ञान और गरिमा से संबंधित विषयों का प्रतिनिधित्व करता है। इस भाव में विभिन्न राशियों की स्थिति के अनुसार फल प्राप्त होते हैं।

दशम भाव में मेष राशि के प्रभाव: दशम भाव में मेष राशि की उपस्थिति जातक के व्यक्तित्व पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है। इस स्थिति में जातक धर्म के प्रति कम निष्ठावान और खुन्नस रखने वाला हो सकता है। यदि यह भाव मजबूत है, तो व्यक्ति सेना के उच्च पदों पर पहुंच सकता है, जैसे कि कमांडर। इसके विपरीत, यदि दशम भाव कमजोर और दुष्प्रभावित है, तो जातक गिरोहबाज, अपराधी या लुटेरा बन सकता है। एक मजबूत और सकारात्मक दशम भाव के साथ, मेष राशि का जातक शल्य चिकित्सक बनने की क्षमता भी रखता है।

दशम भाव में वृष के प्रभाव: वृष राशि के दशम भाव में होने पर जातक की पेशेवर दिशा में कई संभावनाएं खुलती हैं। इस स्थिति में जातक कला दीर्घाओं का प्रबंधक, सिनेमा और संगीत से जुड़े व्यवसायों में कार्यरत हो सकता है। इसके अलावा, कमीशन एजेंट या दलाल के रूप में भी कार्य कर सकता है। हालांकि, यदि यह भाव कमजोर और दुष्प्रभावित है, तो जातक अनैतिक और असामाजिक गतिविधियों से भी जुड़ सकता है, जैसे कि वेश्यालयों से संबंधित व्यवसाय।

दशम भाव में मिथुन राशि के प्रभाव: वृष राशि के प्रभाव में जातक आमतौर पर मधुरभाषी, विनम्र और शिष्ट व्यवहार करने वाला होता है। उसकी दानशीलता और सामाजिकता उसे समाज में एक सकारात्मक छवि प्रदान करती है। इस प्रकार, दशम भाव में वृष राशि की स्थिति जातक के व्यक्तित्व और पेशेवर जीवन को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

दशम भाव में कर्क राशि के प्रभाव: दशम भाव में कर्क राशि का प्रभाव जातक को ग्लैमर से जुड़े व्यवसायों की ओर आकर्षित करता है। ऐसे जातक फोटोग्राफी, फैशन और सिनेमा जैसे क्षेत्रों में रुचि रखते हैं। इसके अलावा, वे विदेश यात्रा करने के अवसरों की तलाश में रहते हैं और जलकृषि तथा बहुमूल्य रत्नों के व्यवसायों में भी संलग्न हो सकते हैं। इस राशि के जातक निष्कलंक जीवन जीने के प्रति सजग रहते हैं।

दशम भाव में सिंह राशि के प्रभाव: दशम भाव में सिंह राशि की स्थिति जातक को विरासत में धन और संपत्ति दिलाने में सहायक होती है। ऐसे जातक दवाइयों और रसायनों से जुड़े व्यवसायों में भी सक्रिय रह सकते हैं। सिंह राशि के प्रभाव में आने वाले जातक अक्सर पौरुष सम्पन्न, दम्भी और शिकारी स्वभाव के होते हैं, जो कभी-कभी पापबुद्धि के भी शिकार हो सकते हैं।

दशम भाव में कन्या राशि के प्रभाव: कन्या राशि का दशम भाव में होना जातक को अकर्मण्य और आलसी बना सकता है। यदि वह किसी उच्च पद पर भी हो, तो वह अपनी स्थिति का दुरुपयोग करते हुए भी धन-संपत्ति से वंचित रह सकता है। इस राशि के जातक कामुक प्रवृत्तियों के प्रति आकर्षित होते हैं और विपरीत लिंग के प्रति उनकी रुचि भी होती है।

दशम भाव में तुला राशि के प्रभाव: दशम भाव में तुला राशि का प्रभाव जातक को न्यायपालिका, वाणिज्य या व्यापार के क्षेत्र से संबंधित करता है। इस स्थिति में जातक धर्म के प्रति संवेदनशील होता है, लेकिन वह नीति की बातों को अपने जीवन में लागू करने में असफल रहता है। इसके अलावा, वह बड़ी कंपनियों का कमीशन एजेंट बनने की क्षमता रखता है और कला के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बना सकता है।

दशम भाव में वृश्चिक राशि के प्रभाव: दशम भाव में वृश्चिक राशि की उपस्थिति जातक को गरिमामय और सम्मानजनक पेशों की ओर अग्रसर करती है। इस जातक में धर्म के प्रति निष्ठा तो होती है, लेकिन वह स्वार्थी और महत्वाकांक्षी भी होता है। ऐसे जातक राजनीति में सक्रिय हो सकते हैं, विद्रोही नेता बन सकते हैं या फिर किसी बहादुर सेना के सेनापति के रूप में कार्य कर सकते हैं।

दशम भाव में धनु राशि के प्रभाव: दशम भाव में धनु राशि का प्रभाव जातक को धर्म प्रचारक, पंथ प्रवर्तक, शिक्षक, सामाजिक नेता और धार्मिक आंदोलनों का अगुवा बनाता है। इस स्थिति में जातक अक्सर यशस्वी और प्रतापी होता है, और भू-सम्पदा के मामले में भी उसकी रुचि होती है। इस प्रकार, धनु राशि का प्रभाव जातक को समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने में सहायक होता है।

दशम भाव में मकर के प्रभाव: दशम भाव में मकर राशि का प्रभाव जातक को अत्यधिक मेहनती बनाता है, लेकिन इसके बावजूद उसे अपनी मेहनत का उचित फल नहीं मिल पाता। ऐसे जातक धर्म और कर्म में कम रुचि रखते हैं और अक्सर स्वार्थी होते हैं। वे आमतौर पर छोटे-मोटे कामों जैसे कि कारखाना मजदूरी, सफाई, रिक्शा चलाना या ठेली लगाना करते हैं। उनके जीवन में आने वाले कष्ट और कुंठाएं उन्हें दयाहीन बना देती हैं, जिससे कभी-कभी वे दुष्ट आचरण भी करने लगते हैं।

दशम भाव में कुंभ राशि के प्रभाव: जब दशम भाव में कुंभ राशि होती है, तो जातक तंत्र-मंत्र का सहारा लेकर लोगों को ठगने की प्रवृत्ति रखता है। ऐसे जातक धर्म का दिखावा करते हैं और पाखंड में लिप्त रहते हैं। उनकी लोभ और स्वार्थ की प्रवृत्ति उन्हें जन-विरोधी कार्यों की ओर भी ले जा सकती है। वे प्रचंड शक्तिशाली होते हैं, जिसके कारण लोग उनसे टकराने से बचते हैं।

दशम भाव में मीन राशि के प्रभाव: दशम भाव में मीन राशि का प्रभाव जातक को तीर्थाटन का शौकीन, वैरागी, साधु या उदार और जनप्रिय बनाता है। ऐसे जातक दानशील होते हैं और समाज में उनकी छवि सकारात्मक होती है। उनकी उदारता और दान देने की प्रवृत्ति उन्हें लोगों के बीच लोकप्रिय बनाती है, जिससे वे समाज में एक विशेष स्थान प्राप्त करते हैं।

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