जैसे ही चंद्र के रत्न मोती की बात आती है तो सबको यही विचार आता है की मोती तो कोई भी धारण कर सकता है, मोती धारण करने के लिए किसी परामर्श की जरुरत नहीं है। लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है हर व्यक्ति पर मोती के अलग अलग प्रभाव रहते है, किसी को यह लाभ प्रदान करता है तो किसी को नुकसान, इसलिए मोती धारण करने से पहले यह जान लेना जरुरी है की मोती आपके लिए फायदेमंद है या नुकसानदायक। आइये जानकारी प्राप्त करते है की मोती रत्न के फायदे और नुकसान क्या क्या हो सकते है।
मोती रत्न के फायदे और नुकसान
मोती एक शांत रत्न है, इसे मानसिक शांति प्राप्ति का रत्न माना जाता है। मोती दिल दिमाग और विचलित अवस्था को शांत करने में सहायक होता है। अगर कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार की मानसिक अस्थिरता और तनाव से गुजर रहा है तो मोती धारण करने से मन चित्त शांत होता है।
मोती मानसिक ताकत को भी बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति का मन एकाग्र होता है और वह अपने जीवन में सही निर्णय लेने में सक्षम होता है।
रत्नों में चंद्र का रत्न मोती ही एक ऐसा रत्न है जिसे धारण करने से बुरे और नकारात्मक विचार ख़त्म होते है। व्यक्ति के मन में अच्छे विचार आते है जिससे वह आशावादी बनता है।
कारोबार और आर्थिक स्तिथियों में बढ़ोतरी के लिए भी मोती रत्न बहुत लाभकारी होता है। इसे धारण करने से व्यक्ति की आर्थिक स्तिथि उच्च होती है और उसे धन लाभ होता है। यही नहीं मोती धारण करने से व्यक्ति कई प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाओं से भी सुरक्षित रहता है।
मोती धारण के कुछ नुकसान
वैसे तो मोती को एक शांति प्रदान करने वाला रत्न माना जाता है, लेकिन कई बार यह कुछ लोगों के लिए नुकसानकारी भी होता है। कई बार मोती धारण करने से लोगों का मन शांत होने के बजाए तनाव में आ जाता है, यहाँ तक भी देखा गया है की व्यक्ति डिप्रेशन में भी चला गया है। उसका गुस्सा बढ़ सकता है, चिड़चिड़ापन और दिल की बेचैनी-घबराहट बढ़ सकती है। इसलिए ऐसा नहीं है की मोती केवल लाभकारी ही होता है, कई बार यह बहुत नुकसानदेह भी हो सकता है, इसलिए मोती धारण करने से पहले उसपर गहराई से विचार कर लेना चाहिए।
कई बार ऐसा भी होता है की अगर मोती को उसके नियमों के अनुसार धारण नहीं किया गया है तो उसके दुष्परिणाम देखने को मिलते है। जैसे की अगर मोती को नीलम या गोमेद के साथ धारण कर लिया जाए तो यह अशुभ हो जाता है। अगर मोती को पूजा और मन्त्र जप किये बगैर धारण किया जाता है तो उसका असर निष्क्रिय रहता है। अगर मोती को अशुभ समाय में धारण किया जाता है तो उसके अशुभ परिणाम सामने आने लगते है। इसलिए मोती के शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए उसे नियमों के अनुसार धारण करना जरुरी होता है।