जानिए! नवंबर माह में पैदा होने वालों की विशेषताएं aur bhagyshali ratn.

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नवंबर माह में पैदा होने वालों का भाग्यशाली रत्न

नमस्ते! आज हम उन लोगों के लिए बात करेंगे जिनका जन्म “नवंबर माह” के महीने में हुआ है। ज्योतिष और रत्न विज्ञान (Gemology) के अनुसार, हर महीने में जन्मे व्यक्ति का अपना एक खास भाग्यशाली रत्न होता है। अगर आप नवंबर में जन्मे हैं, तो आपके जीवन की कई बड़ी समस्याओं को हल करने की शक्ति आपके “शुभ रत्न” में छिपी है।

नवंबर का महीना वृश्चिक राशि के क्षेत्र में आता है। यह मंगल की सौम्य राशि है। जबकि मेष को मंगल की क्रूर राशि माना गया है। अंततः इन लोगों में मंगल के गुण दिखाई पड़ते हैं।
वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल को माना गया है। अंततः इन लोगों के जीवन पर मंगल के स्पष्ट लक्षण देखे जाते हैं।

नवंबर माह में पैदा होने वालों का सामान्य गुण व स्वभाव:

पश्चिमी ज्योतिषियों के अनुसार विशेषकर यूरोप और अमेरिका के ज्योतिषियों का विचार है कि नवंबर में पैदा होने वाले लोगों को बहुत कम सर्दी लगती है और उनको बहुत कम जुखाम, खांसी ,आदि की शिकायत रहती है। इनमें चुस्ती फुर्ती और स्फूर्ति भी बहुत अधिक रहती है। यदि इनको सर्जन बनने का अवसर मिले तो यह लोग अपने काम में बहुत अधिक उन्नति करते हैं। ज्ञान और साहित्य में भी उनको पर्याप्त सफलताएं प्राप्त होती है।

वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल को माना गया है अस्तु, इस माह में जन्म लेने वाले लोगों के स्वभाव तथा चरित्र में निम्नलिखित विशेषताएं पाई जाती है:-

नवंबर माह में पैदा होने वालों का सामान्य चरित्र:

इस मास में जन्म लोग और साधारण तार्किक शक्ति संपन्न होते हैं। यह सुयोग्य चिकित्सक ,शल्य क्रिया विज्ञानी ,उपदेशक अथवा वक्ता बन सकते हैं। इन्हें भाषा पर अधिकार प्राप्त होता है। लिखने ,बोलने में इनकी शैली बड़ी नाटकीय तथाप्रभावोत्पाद होती है। यह लोग जिनके संपर्क में आते हैं ,उस जैसे ही बन जाते हैं। इसके फलस्वरूप इन्हें पराये दोषों का दंड भी स्वय भुगतना पड़ता है।

यह लोग मानवीय दृष्टिकोण वाले अत्यंत उदार ,आत्मसंयमी तथा त्यागी प्रवृत्ति के रहते हैं। संकट के समय यह धैर्य तथा साहस नहीं खोते। इन पर प्रत्येक परिस्थिती, हर समय पर भरोसा किया जा सकता है। यद्यपि यह लोग भौतिकवादी प्रवृत्ति के रहते हैं ,अंततः सामान्यत सभी क्षेत्रों में सफलताएं पाते हैं।

ऐसे लोग कभी-कभी भाग्य की प्रतिकूलता के शिकार बनकर मिथ्या अपयश के भागी भी बनते हैं। यह लोग शरीर के बजाय मन से अधिक लड़ते हैं। यदि युद्ध करना इनकी विवश्ता बन जाए तो भी यह अच्छे संगठनकर्ता के रूप में अपने सहयोगियों के साथ उनका सफलतापूर्वक मुकाबला करते हैं। फिर भी रक्तपात से इन्हें घृणा रहती है। यह लोग कूटनीतिज्ञ अथवा दूत कार्य के लिए उपयुक्त सिद्ध होते हैं। दूसरों के झगड़े निपटाने में भी यह कुशल होते हैं। यह कई शत्रुओं को एक ही स्थान पर एकत्र करने में भी सफल होते हैं।

यह लोग बिच्छू की भांति डंक भी मार सकते हैं ,परंतु खेद प्रकट किए जाने पर इनका क्रोध शीघ्र ही शांत पड़ जाता है। क्षमा मांग लेने पर यह अपने बड़े बड़े शत्रु को भी क्षमा कर देते हैं। इनमें दोहरा जीवन जीने की प्रवृत्ति रहती है।
यह लोग गुप्त विद्याओं में भी अभीरुचि रखते हैं तथा शीघ्र ही अंतरज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। निकट से जानने वाले लोग इनको प्रशंसक होते हैं ,परंतु अन्य लोग इन्हें बदनाम करने से भी नहीं चूकते। इन्हें षड्यंत्रओं के माध्यम से घोटालों का शिकार भी बनना पड़ सकता है।
यह लोग अच्छे सरकारी कर्मचारी ,वैज्ञानिक ,रसायन शास्त्री ,अन्वेषक तथा रहस्य पूर्ण विद्याओं के जानकार बन सकते हैं। इनकी संकल्प शक्ति अत्यधिक तीव्र होती है।

नवंबर माह में पैदा होने वालों का स्वास्थ्य:

बाल्यावस्था में यह नाजुक शरीर वाले होते हैं तथा अक्सर बीमारी ही बने रहते हैं। व्यस्त होने पर आत्र संबंधित बीमारियों जैसे अजीर्ण ,अम्लपित्त , बवासीर ,भगंदर पित्ताशय की शोध आदि का शिकार बनते हैं। यह लोग किसी दुर्घटना में भी चोट खाते हैं।

नवंबर माह में पैदा होने वालों की आर्थिक स्थिति:

यह लोग अपने व्यवसाय में कठोर परिश्रम करते हैं। अंततः इन्हें आर्थिक लाभ होता रहता है। तदापि पैसा इनकी जेब में अधिक समय तक नहीं टिकता। यह लोग यात्राओं पर भी अपना धन खूब खर्च करते हैं। विपरीत लिंगी की आर्थिक सहायता करने में भी इनका धन खूब खर्च होता है। फिर भी इनकी जिंदगी में अनेक उतार-चढ़ाव के बावजूद आर्थिक स्थिति ठीक ठाक बनी रहती है।

पुखराज
पुखराज

नवंबर माह में पैदा होने वालों का भाग्यशाली रत्न , लक्की बर्थ स्टोन:

नवंबर में पैदा होने वाले लोगों का भाग्यशाली रत्न ,यानी लक्की बर्थ स्टोन पुखराज को माना गया है। पुखराज को मित्र बनाने वाला रत्न माना गया है। यह धारण करने वालों को चिंताओं से बचाता है। यद्यपि यह रत्न धनवान बनाने के साथ साथ पहनने वाले के मस्तिष्क और मन पर बहुत लाभप्रद प्रभाव डालता है। इससे इनकी सोच में बदलाव आता है और वह सकारात्मक सोच पाते हैं। यह रत्न इन्हें मानसिक कामों में अधिक सफलताएं प्रदान करता है।

दरअसल ,नवंबर का महीना वृश्चिक राशि के क्षेत्र में आता है। वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल होते हैं। पश्चिमी ज्योतिष के अनुसार इस राशि का लक्की बर्थ स्टोन पुखराज और इस प्रकार के अन्य रत्न माने गए हैं। पुराने जमाने के लोग तो इस रत्न को यंत्र के रूप में तैयार करके अनेक रोगों से बचाने के लिए धारण किया करते थे। गठियां और छोटे जोड़ों के दर्द ,पागलपन, समय से पहले मृत्यु से बचने के लिए भी इस से निर्मित माला को सर्वोत्तम माना जाता था।

नवंबर में जन्मे लोगों के लिए शुभ रत्न क्यों जरूरी है?

नवंबर का महीना हेमंत ऋतु का हिस्सा है। ज्योतिष में, हेमंत ऋतु का स्वामी देवगुरु बृहस्पति को माना गया है। बृहस्पति (Jupiter) ज्ञान, धर्म, विवाह और भाग्य का कारक ग्रह है। इसलिए, नवंबर में जन्मे लोगों के जीवन में बृहस्पति का गहरा प्रभाव होता है।

हालांकि, आपके जन्म के महीने और राशि (मुख्यतः वृश्चिक और धनु) के प्रभाव से कुछ खास दिक्कतें देखने को मिलती हैं:

  • विवाह में देरी: अक्सर शादी होने में बहुत ज्यादा समय लग जाता है।
  • वैवाहिक जीवन में तनाव: शादी हो जाने के बाद भी रिश्ते में स्थिरता और खुशियाँ कम होती हैं।
  • पेट और लीवर की समस्या: पाचन तंत्र (Digestive System) और लीवर (Liver) से जुड़ी दिक्कतें ज्यादा होती हैं।
  • आकर्षण का नकारात्मक प्रभाव: कभी-कभी इनका आकर्षक स्वभाव गलत या नकारात्मक रास्ते पर भी जा सकता है।

नवंबर वालों का भाग्यशाली रत्न: पीला पुखराज या सिट्रिन (Yellow Topaz/Citrine)

चूँकि बृहस्पति इस महीने का स्वामी है, इसलिए बृहस्पति को मजबूत करने वाला रत्न, पीला पुखराज (Pukhraj), आपके लिए सबसे उत्तम है। अगर आप महंगा पुखराज नहीं खरीद सकते, तो उसका उपरत्न येलो सिट्रिन भी समान रूप से प्रभावी होता है।

पीला पुखराज धारण करने के मुख्य फायदे

यह रत्न धारण करने से आपकी जिंदगी की कई बड़ी रुकावटें दूर हो सकती हैं। सरल भाषा में इसके फायदे जानें:

1. विवाह और रिश्तों में लाभ

यह रत्न विवाह होने की संभावना को बहुत बढ़ा देता है। यह उन लोगों के लिए वरदान है जिनकी शादी में बार-बार बाधा आ रही है। साथ ही, यह वैवाहिक जीवन में स्थिरता, तालमेल और खुशहाली लाता है।

2. करियर और आर्थिक सफलता

बृहस्पति ज्ञान और समृद्धि का ग्रह है। पुखराज पहनने से आपकी एकाग्रता (Concentration) बढ़ती है, जिससे आपको करियर में गजब सफलता मिलती है। यह आपकी आर्थिक स्थिति (Financial Condition) को भी मजबूत करता है।

3. स्वास्थ्य और नकारात्मकता से बचाव

यह पेट, लीवर और पाचन की समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह आपके आकर्षण को नकारात्मक रास्तों पर जाने से रोककर, उसे सकारात्मक और सही दिशा देता है।

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पीला पुखराज/सिट्रिन धारण करने की सही विधि

कोई भी रत्न तभी फायदा करता है जब उसे सही धातु, सही उंगली और सही दिन पर पहना जाए। जल्दबाजी में पहना गया रत्न फायदा नहीं करता।

रत्न धारण करने के जरूरी नियम

नियम (Rule)जानकारीध्यान देने वाली बात
धातुसोना (Gold) या पंचधातु।सोने में जड़वाकर पहनना सबसे शुभ होता है।
उंगलीदाएँ हाथ की *तर्जनी* (Index Finger)।तर्जनी उंगली बृहस्पति का प्रतिनिधित्व करती है।
दिनगुरुवार (Thursday)।बृहस्पति का दिन, सूर्योदय के 1 घंटे के अंदर।
वजनअपने वजन के अनुसार (कम से कम 4 रत्ती)।किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से सलाह ज़रूर लें।

रत्न को सिद्ध (Activate) करने की विधि

  1. सफाई: रत्न को गंगाजल, कच्चे दूध और शहद के मिश्रण में रात भर डुबो कर रखें।
  2. पूजा: गुरुवार के दिन सुबह स्नान के बाद, रत्न को निकालकर साफ करें।
  3. मंत्र:ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  4. धारण: जाप के बाद, बृहस्पति भगवान से प्रार्थना करते हुए रत्न को अपनी तर्जनी उंगली में धारण कर लें।

चेतावनी: रत्न धारण करने से पहले, अपनी कुंडली का सही विश्लेषण कराएँ। अपनी कुंडली का विश्लेषण कराने के लिए यहाँ संपर्क करें।


पीला पुखराज और येलो सिट्रिन में क्या अंतर है?

बहुत से लोग इस बात को लेकर उलझन में रहते हैं कि पुखराज खरीदें या सिट्रिन। यह अंतर बहुत सरल है:

Table 2: पुखराज और सिट्रिन की तुलना

खासियतपीला पुखराज (Yellow Sapphire)येलो सिट्रिन (Yellow Citrine)
रत्न/उपरत्नमुख्य रत्न (Major Gemstone)।उपरत्न (Secondary Gemstone)।
प्रभावबहुत तेज और स्थायी (Strong and Permanent)।तेज, लेकिन पुखराज से थोड़ा कम।
कीमतबहुत महंगा होता है।काफी सस्ता और आसानी से उपलब्ध।
किसे पहनना चाहिएजिन्हें बृहस्पति को बहुत मजबूत करना हो।जो पुखराज का खर्च नहीं उठा सकते।

ध्यान दें: ज्योतिष में हमेशा प्राकृतिक (Natural) और असली रत्न ही पहनना चाहिए। नकली या प्लास्टिक के रत्न पहनने से कोई लाभ नहीं मिलता।


निष्कर्ष: भाग्य को बल देता है यह रत्न

अगर आपका जन्म नवंबर में हुआ है और आप अपने विवाह में देरी, रिश्ते में तनाव या करियर की समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो पीला पुखराज या येलो सिट्रिन आपके लिए एक वरदान साबित हो सकता है। यह आपके भाग्य को बल देता है और आपको जीवन में सही दिशा दिखाता है।

रत्न धारण करने से पहले एक बार अपनी कुंडली का विश्लेषण किसी विश्वसनीय ज्योतिषी से ज़रूर कराएं, ताकि आप पूरी तरह सुनिश्चित हो सकें कि यह रत्न आपके लिए सही है।

अपने शहर दुर्ग-भिलाई के ज्योतिष विशेषज्ञ से सलाह लें: भिलाई ज्योतिष लक्ष्मी नारायण से संपर्क करने के लिए यहाँ क्लिक करें।


नवंबर के शुभ रत्न से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

1. नवंबर में जन्मे लोगों के लिए शुभ रत्न क्या है?

उत्तर: नवंबर में जन्मे लोगों का मुख्य भाग्यशाली रत्न पीला पुखराज (Yellow Sapphire) है। यह हेमंत ऋतु के स्वामी, देवगुरु बृहस्पति को बल देता है। अगर पुखराज महंगा लगे, तो आप इसका उपरत्न येलो सिट्रिन (Yellow Citrine) भी धारण कर सकते हैं।

2. पुखराज पहनने से नवंबर वालों को क्या लाभ होता है?

उत्तर: पुखराज पहनने से नवंबर में जन्मे लोगों को तीन बड़े लाभ होते हैं:

  1. विवाह की समस्या दूर होती है और वैवाहिक जीवन सुखी बनता है।
  2. करियर और धन में तेजी से वृद्धि होती है।
  3. पेट और लीवर से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएँ कम होती हैं।

3. पुखराज को किस उंगली में और किस दिन पहनना सबसे शुभ होता है?

उत्तर: पुखराज को सोने या पंचधातु में बनवाकर, दाएँ हाथ की तर्जनी (Index Finger) उंगली में गुरुवार के दिन पहनना सबसे शुभ माना जाता है। इसे पहनने से पहले ‘ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः’ मंत्र का जाप करना चाहिए।

4. सिट्रिन (Citrine) और पुखराज में क्या अंतर है?

उत्तर: पुखराज एक मुख्य और महंगा रत्न है, जिसका प्रभाव बहुत तेज और स्थायी होता है। जबकि सिट्रिन पुखराज का उपरत्न है, जो सस्ता और आसानी से उपलब्ध होता है। सिट्रिन भी वही लाभ देता है, लेकिन उसका प्रभाव पुखराज की तुलना में थोड़ा कम होता है।

5. क्या नवंबर में जन्मे हर व्यक्ति को यह रत्न पहनना चाहिए?

उत्तर: ज्योतिष में जन्म का महीना महत्वपूर्ण होता है, लेकिन रत्न पहनने से पहले अपनी जन्म कुंडली का विश्लेषण करवाना बहुत ज़रूरी है। भले ही आप नवंबर में जन्मे हों, पर आपकी कुंडली में बृहस्पति की स्थिति देखकर ही यह तय करना चाहिए कि आपको पुखराज पहनना चाहिए या नहीं। किसी विशेषज्ञ से सलाह ज़रूर लें।

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