ज्योतिष में मंगल का क्या प्रभाव पड़ता है?

जन्म कुंडली में मंगल के शुभ प्रभावों का होना बहुत महत्वपूर्ण है, आइये जानते है ज्योतिष में मंगल का क्या प्रभाव पड़ता है?

मंगल ग्रह

ग्रहों का सेनापति मंगल मजबूत शारीरिक शक्ति, निडरता, नेतृत्व करने की क्षमता, परिश्रम आदि गुणों का स्वामी है, मंगल ग्रह अपनी दो राशियों मेष और वृश्चिक का स्वामी है। मंगल मकर राशि में उच्च और कर्क राशि में अपने नीच के प्रभाव देता है, मंगल तीसरे, छठे, दसवें और ग्यारहवें भावों में अपने सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने में सक्षम होता है।

मंगल शरीरी में ऊर्जा का सञ्चालन करता है, इसलिए किसी भी पुरुष जातक के लिए मंगल का बहुत महत्व है, मंगल पुरुष कुंडली में ऊर्जा, इच्छाशक्ति और सेक्स का प्रतीक है,
इसलिए मंगल ग्रह की शुभता और शक्ति हर पुरुष कुंडली में लिए अहम हो जाती है। मंगल अगर अपने मित्र ग्रहों ब्रहस्पति, सूर्य और चन्द्रमा के साथ है या दृष्ट है तो मंगल अपने शुभ फल प्रदान करता है,
वही अगर मंगल अपने शत्रु ग्रहों शनि, राहु, केतु, शुक्र और बुध के साथ है या उनपर इनकी दृष्टि पड़ती है तो मंगल अपने शुभ प्रभावों को खो देता है या फिर मंगल के शुभ प्रभावों में कमी आ जाती है।

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बली मंगल के प्रभाव

  • मंगल मंगलकारी है, शुभ मंगल जीवन के हर क्षेत्र में शुभता प्रदान करता है।
  • जातक ऊर्जावान रहेगा, परिश्रम से अपने भविष्य में अग्रसर रहेगा।
  • मंगल प्रधान व्यक्तियों का मनोबल बहुत मजबूत होता है, उन्हें कैसी भी परिस्थिति डरा नहीं सकती।
  • वे अपने दुश्मनों को कभी भी अपने पर हावी नहीं होने देते और सदैव दुश्मनों पर विजय प्राप्त करते है।
  • मंगल प्रधान जातक कभी भी खाली नहीं बैठ सकता,चाहे वह अस्वस्थ ही कयों ना हो।
  • शुभ मंगलकारी व्यक्ति हमेशा व्यर्थ के विवादों में नहीं पड़ता, उल्टा लोगों के विवादों को ख़त्म करवाता है।
  • मंगल प्रधान व्यक्ति इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बहुत रचनात्मक कार्यों को अंजाम देते है।
  • अच्छे डॉक्टर और सर्जन के रूप में लोगों की सेवा करते है।
  • हॉस्पिटल कार्य क्षेत्रों और मेडिकल कारोबार से जुड़े होते है।
  • मंगल प्रधान व्यक्तियों को साधना के क्षेत्रो में भी सफल होते देखा गया है।
  • शुभ मंगल प्रधान व्यक्ति एक नामी प्रवचनकर्ता भी हो सकता है।
  • पुलिस विभागों, सेना, प्रशासन, सरकारी ठेकों, सरकारी नौकरी, डॉक्टर, हॉस्पिटैलिटी आदि जैसे क्षेत्रों में मंगल प्रधान व्यक्तियों को देखा जा सकता है।

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कमजोर मंगल के प्रभाव

  • कमजोर और अशुभ प्रभाव का जातक गुस्सैल, झगड़ालु और विश्वासघाती हो सकता है।
  • उनके अंदर आलस समाया ,रहता है, हर समय पड़े रहते है, उनमें अनुशासन बिलकुल नहीं होता।
  • वह अपने जीवन में हमेशा संघर्ष करता रहता है, कभी भी कोई काम पूरा नहीं कर पाता।
  • मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत कमजोर होता है।
  • उसका वैवाहिक जीवन भी सुखी नहीं होता, घर कलह बनी रहती है।
  • परिवार वालों से भी उसके सम्बन्ध अच्छे नहीं रहते।
  • गलत कार्यों से जुड़े हुए हो सकते है और गलत कार्यों को नेतृत्व भी करते है।
  • घर – परिवार में कलह मचाने वाले होते है, हर व्यक्ति इनसे परेशान रह सकता है।
  • ऐसे लोग शारीरिक रूप से बहुत अस्वस्थ हो सकते है, इन्हें कई तरह की बीमारियां हो सकती है, इनमें खून की कमी भी रहती है।
  • इन्हें हमेशा स्वास्थ्य की समस्याएं और दुर्घटनाओं का डर रहता है

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मंगल के १२ राशियों में प्रभाव

अग्नि तत्व राशि मेष, सिंह और धनु में मंगल के प्रभाव

मेष राशि मेष मंगल की मूल राशि है, मेष एक समझदार और आक्रामक राशि है, मंगल इस राशि में अपने परिश्रम से सफलता प्रदान करनेवाला और प्रसिद्द होता है, लेकिन लेकिन अशुभ भावों में नहीं होना चाहिए ।

सिंह राशि – अग्नितत्व सिंह राशि में मंगल अपने शुभ प्रभाव देते हुए शरीर में ऊर्जा का सञ्चालन, उग्रता, नेतृत्व क्षमता रहती है।

धनु राशि – ब्रहस्पति की राशि धनु ज्ञान और सहजता की प्रतिक है, ऐसे व्यक्ति उच्च ज्ञानी, बुद्धिमान, प्रचारक और राजनीतिज्ञ होते है।

पृथ्वी तत्व राशि वृषभ, कन्या और मकर में मंगल के प्रभाव

वृषभ राशि – पृथ्वी तत्व राशि वृषभ एक स्थिर राशि है और इसका स्वामी शुक्र सौन्दर्य और भोग का स्वामी है, वृषभ राशि में मंगल भोग विलास में अक्रामकता का प्रदर्शन करता है।

कन्या राशि – कन्या राशि के स्वामी बुध में मंगल की शत्रुता की वजय से मंगल इस राशि में अपने शुभ प्रभाव देने में असमर्थ होता है।

मकर राशि – शनि की राशि में मंगल उच्च स्थान का माना जाता है, यहाँ मंगल जातक को जमीनी स्तर पर जोड़कर परिश्रमी बनाता है और जीवन में खूब तरक्की देता है।

वायु तत्व राशि मिथुन, तुला और कुंभ में मंगल के प्रभाव

मिथुन राशि – वायु तत्व राशि मिथुन का स्वामी बुध तकनिकी, इंटरनेट और कंप्यूटर क्षेत्रों से जुड़ा हुआ है, मंगल अपनी ऊर्जा से इन क्षेत्रों में बहुत अच्छी तरक्की करता है।

तुला राशि – न्याय और संतुलन की प्रतीक तुला राशि में मंगल अपनी उग्रता को खो देता है और साधारण शुभ परिणाम मिलते है।

कुंभ राशि – शनि की राशि कुंभ में मंगल अपने शुभ प्रभावों को खो देता है।

जल तत्व राशि कर्क, वृश्चिक और मीन में मंगल के प्रभाव

कर्क राशि – कर्क राशि में मंगल नीच का हो जाता है, यहाँ मंगल अपने काफी अशुभ प्रभाव देता है।

वृश्चिक राशि – अपनी ही राशि वृश्चिक में मंगल का आवेग शांत हो जाता है, जातक को परिश्रमी बनाता है और उनत्ति की ओर अग्रसर करता है।

मीन राशि – ब्रहस्पति की राशि मीन मंगल को शांत और ज्ञानी बनाती है, इस राशि में मंगल अध्यात्म की ओर अग्रसर होता है, अनुसंधानों, साधना और आध्यात्म से जोड़नेवाला होता है।

निष्कर्ष

धन्यवाद दोस्तों! इस लेख-ज्योतिष में मंगल का क्या प्रभाव पड़ता है- के जरिये हमने आपको मंगल ग्रह के प्रभावों की जानकारी देने का प्रयास किया, उम्मीद है की आपको मंगल ग्रह से सम्बंधित जानकारी प्राप्त हुई होगी।

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