माणिक रत्न किसे पहनना चाहिए,माणिक्य कौन पहन सकता है?

माणिक रत्न किसे पहनना चाहिए

आइये आज इस पोस्ट में शार्ट में जानते है की माणिक्य कौन पहन सकता है?

माणिक्य

अनार दाने के समान रंग का, खूबसूरत, चमकीला, आभा वाला रत्न माणिक्य सूर्य ग्रह का रत्न है।
अंग्रेजी में माणिक्य को Ruby Gemstone के नाम से जाना जाता है।

तेजस्वी सूर्य ग्रह की तरह सूर्य के रत्न माणिक्य को धारण करने से समाज में मान, सम्मान, प्रतिष्ठा और तेजस्विता प्राप्त होती है।
इस रत्न को धारण करने का मुख्य उदेश्य सामाजिक सम्मान, राजनितिक उनत्ति, आर्थिक उनत्ति होता है।

सरकारी क्षेत्रों से लाभ, सरकारी कार्यो में सफलता, महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धा प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त करने के उद्देश्य से भी माणिक्य रत्न धारण किया जाता है।

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स्त्री हो या पुरुष, किसी भी जातक को ४ से ६ कैरट का रत्न धारण करना पर्याप्त रहता है।

माणिक रत्न किसे पहनना चाहिए
माणिक रत्न किसे पहनना चाहिए

जन्मपत्रिका के अनुसार माणिक्य धारण

ऐसे जातक जिनकी जन्मपत्रिका में सूर्य शुभ और योगकारक है, ऐसे जातकों को तो सफलता और प्रसिद्धि के लिए माणिक्य रत्न धारण करना ही चाहिए,
इसके आलावा जिन जातकों की जन्मपत्रिका में सूर्य कमजोर है, ऐसे जातकों को भी माणिक्य धारण करके सूर्य को मजबूत करना चाहिए।

किसी भी जातक के जीवन में सूर्य ग्रह का विशेष महत्व रहता है, अगर सूर्य कमजोर है, तो जीवन में सफलताओं में रुकावटे आवश्य आती ही है, सरकारी कार्यो में भी रुकावटे रहती है, सामाजिक सम्मान में भी कमी करता है, इसलिए सूर्य ग्रह का महत्व स्त्री हो पुरुष बहुत अधिक रहता है।

माणिक्य के साथ शुभ रत्न और निषेध रत्न

सूर्य गृह के रत्न माणिक्य को अन्य सभी गृह के रत्नों में सबसे अधिक प्रभावशाली माना जाता है, अगर माणिक्य रत्न को पन्ना, पुखराज, मोती के साथ धारण किया जाये तो माणिक्य की शक्ति और असर में विशेष प्रभाव आ जाते है,

लेकीन इन सहयोगी रत्नों को धारण करने से पहले जन्म पत्रिका में उन ग्रहों की स्थिति देख लेनी आवश्यक होती है। माणिक्य के साथ धारण करने के लिए पन्ना, पुखराज, मोती में से कौन सा रत्न योगकारक है।

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माणिक्य के साथ कुछ ऐसे रत्न भी है, जिन्हें माणिक्य के साथ धारण करना पूर्ण रूप से निषेद है, इसलिये माणिक्य के साथ कभी भूलकर भी नीलम गोमेद या लहसुनिया धारण नहीं करना चाहिए।

अगर कोई व्यक्ति सूर्य के शत्रु ग्रह शनि, राहु, केतु के रत्न, नीलम गोमेद या लहसुनियां, माणिक्य के साथ धारण करता है, तो ऐसे में माणिक्य के शुभ प्रभाव नष्ट हो जाते है और नुकसानकारी प्रभाव सामने आने लगते है।

माणिक्य कौन पहन सकता है?
माणिक्य कौन पहन सकता है?

माणिक्य और स्वास्थ्य

बर्मा के माणिक्य को सबसे अच्छा माणिक्य माना जाता है, शारीरिक स्वास्थ्य की दृष्टि से माणिक्य रक्तचाप, मधुमेह, हृदय, हड्डियों से संबंधित रोगों, व नेत्र विकारों के लिए बहुत उपयोगी रत्न माना जाता है, माणिक्य इन रोगों को ठीक करता है,

अगर माणिक्य इन रोगों के होने से पहले ही धारण कर लिया जाये, तो इन रोगों के होने की संभावनाएं बहुत अधिक तक समाप्त हो जाती है।

माणिक्य किस उंगली में धारण करें

माणिक्य को हमेशा सीधे हाथ की सूर्य की ऊँगली (अनामिका) में ही धारण करना चाहिए।

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माणिक्य के उपरत्न

अगर अच्छा माणिक्य लेने जाये तो यह काफी मूलयवान रत्न होता है, इसलिये अगर कोई इस रत्न को खरीदने में असमर्थ है, तो वह व्यक्ति माणिक्य के उपरत्न स्पाइनल, लाल गार्नेट धारण कर सकता है, कोरंडम माणिक्य भी धारण किया जा सकता है, क्योंकि कोरन्डम माणिक्य अपारदर्शी होने की वजय से कम कीमत में उपलब्ध हो जाता है।

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