धन, संपत्ति, सरकारी लाभ, सामाजिक मान सम्मान, पैतृक संपत्ति, उच्च सरकारी पद प्रदान करना,”माणिक्य रत्न की विशेषताएं” है। आइये जाने manik stone benefits in hindi
माणिक्य रत्न की विशेषताएं:manik stone benefits in hindi
माणिक्य रत्न का रंग बहुत सुन्दर सुर्ख लाल और गहरे गुलाबी का होता है। सुन्दर चिकना, चमकदार, साफसुथरा, किसी भी तरह के काले छींटो रहित, माणिक्य सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। माणिक्य रत्न सूर्य ग्रह का प्रभावशाली और शक्तिशाली, और मूलयवान, उत्कृष्ट रत्न है।
खनिज रूप से माणिक्य एक एलुमिनियम ऑक्साइड का मिश्रण है। माणिक्य पूर्ण रूप से पारदर्शी, अर्ध-पारदर्शी और अपारदर्शी सभी रूपों में प्राप्त होता है।
माणिक रत्न धारण करने से क्या होता है?
सूर्य ग्रह की शुभ फलों की प्राप्ति हेतु माणिक्य रत्न धारण किया जाता है।
सूर्य के शुभ प्रभावों की प्राप्ति होती है, सामाजिक ,सरकारी, उद्योग ,व्यवसाय में सफलता प्राप्त होती है।
अगर सरकारी क्षेत्रों के कार्यो को लेकर रुकावटें आ रही है और सरकारी नौकरी मिलने में सफल नहीं हो पा रहे है, यहाँ तक की अगर आप सरकारी नौकरी में है और बड़े अफसरों से तालमेल नहीं हो पा रहा है, तब ऐसे में माणिक्य धारण से सफलता मिलती है और इन सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
माणिक रत्न कौन पहन सकता है?
मेष लग्न, मिथुन लग्न, कन्या लग्न, वृश्चिक लग्न, धनु लग्न ,मीन लग्न की कुंडली में सूर्य कमजोर है तो मणिक्य धारण किया जा सकता है। सरकारी अफसर, राजनीती के लोगों, बड़े उद्योगों, सरकारी ठेकेदार आदि माणिक्य धारण कर सकते है।
सूर्य उपासना और सूर्य मंत्रो द्वारा शांति
माणिक रत्न की पहचान कैसे करें?
जाँच का सबसे श्रेष्तम तरीका है , माणिक्य रत्न की किसी प्रमाणित रत्न परिक्षण केंद्र से जाँच करवा कर सर्टिफिकेट प्राप्त कर लेना।
माणिक्य को विभिन्न भाषाओं में निम्नलिखित नामों से जाना जाता है।
- हिंदी में – चुन्नी, माणिक्य ,लालमणि
- संस्कृत में – पद्मराग ,माणि, माणिक्यम, कुरविन्द ,वसुरत्न
- फ़ारसी में – याकूत
माणिक्य का रंग लाल, रक्तः के समान लाल, गुलाबी, गहरा गुलाबी होता है। माणिक्य लाल रंग के अलावा अन्य रंग कालापन लिए लाल ,और नीले रंग की आभा वाले भी पाए जाते हैं। माणिक्य खनिज रत्नों में से एक है। रक्तः के समान लाल रंग का माणिक्य अति मूल्यवान एव सर्वोत्तम होता है।
आदित्य हृदय स्तोत्र आपका जीवन बदल देगा
बर्मा का माणिक्य सबसे उत्तम होने से, बर्मा-माणिक्य की बाजार में मांग सबसे अधिक होती है। अलग अलग स्थान और खदानों से प्राप्त माणिक्यों के रंगों में भी विभिन्नता और असमानता होती है। बर्मा की खदानें सबसे प्राचीन खदानों में से है। सबसे उत्तम माणिक्य भी बर्मा की खदानों से ही प्राप्त हुए है। इसी कारण से बर्मा के माणिक्य की कीमत और मांग विश्वभर के बाजारों में सबसे अधिक होती है।
माणिक्य धारण करने के लाभ:manik stone benefits in hindi
माणिक्य धारण करने से व्यक्ति का मन प्रसन्नचित रहता है और उसके जोश और उल्लास में वृद्धि होती है। माणिक्य को प्रेम बढ़ाने वाला रत्न भी माना गया है। माणिक्य मन की निराशा और उदासीनता को दूर करता है। माणिक्य जादू-टोना, बाहरी हवाओं, प्रेत बाधाओं से मुक्ति दिलाता है। माणिक्य धारण संतान के लिए शुभ और माणिक्य धारण करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। माणिक्य धारण करने से धन सम्बन्धी स्थिति में सुधार होता है और विभिन्न स्तोत्रों से धन प्राप्त होता है।
माणिक्य के धारण करने से व्यक्ति की समाज में मान सम्मान, प्रतिष्ठा प्राप्त होती है। ज्योतिष ग्रंथों में लिखा गया है की माणिक्य जहर के प्रभाव को कम करता है, अगर कोई जहरीली वस्तु आपके आस-पास है तो माणिक्य का रंग फीका पड़ने लगता है। पश्चिम देशों में ऐसी मान्यता है कि, माणिक्य विष क्र प्रभाव को ख़त्म करता है।
माणिक्य धारण किसी भी तरह की महामारी में भी सुरक्षित रखता है। माणिक्य धारण करने से व्यक्ति के दुख दूर होते है। मन में नेगेटिव और बुरे विचारों के आने से रोकता है। ऐसा माना जाता है कि यदि जीवन में कोई विपत्ति आ जाये तो माणिक्य का रंग बदल जाता है, अर्थात हल्का हो जाता है, अर्थात माणिक्य किसी आपदा, मुसीबत के आने से पूर्व संकेत देता है और मुसीबत निकल जाने पर माणिक्य फिर अपने असल रंग-रूप में आ जाता है।
Read Also: चेहरे की सुंदरता कैसे बनाये रखें
ऐसा माना जाता है की जो माणिक्य सूर्य की किरण पडने से लाल रंग बिखेरता है, वह सर्वोत्तम होता है। उच्च कोटि के माणिक्य की पहचान है कि माणिक्य को दूध में बार-बार डूबने से दूध में माणिक्य की आभा दिखने लगती है।
माणिक्य के बारे में ऐसा कहा गया है की माणिक्य को अंधेरे कमरे में देखने से उसमे से लाल किरणें निकलती दिखलाई पड़ती है। ऐसा भी कहा गया है की शुद्ध और उच्च दर्जे के माणिक्य को अगर कमल कमल की काली पर रख दिया जाये,तो कमल की कली खिल उठती है।
माणिक्य और अध्यात्म:
माणिक्य धारण करके सूर्य की उपासना करने से सूर्य ग्रह से सम्बन्धित शुभ फलों में वृद्धि हो जाती है, जीवन में मान सम्मान, धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
माणिक्य रत्न हृदय का प्रतिनिधित्व करता है। माणिक्य हृदय से सम्बंधित सभी प्रकार के कष्टों और रोगों को नष्ट करता है। भारतीय आयुर्वेद में माणिक्य रत्न की पिष्टी और भस्म दोनों को औषधि के रूप में इस्तेमाल करने का जिक्र मिलता है।
माणिक्य के दोष –
जो माणिक्य दुरंगी आभा देता हो, ऐसा माणिक्य धारण करने से पिता के लिए कष्टकारी रहता है ,अन्यथा दो रंगों से युक्त माणिक्य धारण नहीं करना चाहिए।
जो माणिक्य बहुत अधिक जालदार हो ,धुन्दला हो इस प्रकार के माणिक्य को धारण करने से कई प्रकार की पीड़ा, कष्ट, क्लेश देने वाला होता है।
जिस माणिक्य में सफेदी हो ,ऐसे माणिक्य को धारण करने से धन का नाश होता है और हृदय के लिए भी नुकसानदायक रहता है।
जिस माणिक्य में धुंए के समान रंग हो, ऐसा माणिक्य कभी भी धारण नहीं करना चाहिए, ऐसे माणिक्य को धारण करने से जीवन में विभिन्न प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ता है।
जो माणिक्य गहरे लाल रंग का यानि लगभग कालापन लिए हुए दिखता हो, ऐसा माणिक्य धारण करने से धन का नाश और अपयश देने वाला होता है।
कभी भी दोषयुक्त माणिक्य धारण नहीं करना चाहिए, दोषयुक्त माणिक्य धारण करने से विभिन्न प्रकार के रोग व्याधि और आकस्मिक दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है, इसलिए, सूर्य ग्रह का रत्न माणिक्य धारण करते समय यह जाँच लेना आवश्यक है की माणिक्य स्वच्छ और निर्दोष हो, कहीं ऐसा न हो की लाभ की जगह नुकसान होना शुरू हो जाए।
रोग और माणिक्य
माणिक्य रक्तवर्धक, वायु नाशक और उदर रोग में लाभकारी होता है। माणिक्य नेत्र ज्योति को बढ़ाने वाला तथा अग्नि, वायु , पित्र दोष का शमन करता है। माणिक्य में वात,पित्त, कफ जनित रोगों को शांत करने की शक्ति होती है।
माणिक क्षय रोग, बदन दर्द, उदर शूल, चक्षु रोग, कब्ज आदि रोग को दूर करता है। माणिक्य की भस्म शरीर में उत्पन्न होने वाली उष्णता और जलन को दूर करती है