ऐसा नहीं है की कोई भी रत्न अपनी मर्जी या शौक से बड़ा या छोटा पहना जा सकता है, रत्न धारण के भी नियम है, जिन्हें उनके निर्धारित मापदंड के अनुसार पहना जाना जरुरी होता है। ऐसे ही चंद्र के रत्न मोती को भी पुरुष या महिला निर्धारित किये गए कैरट या रत्ती के अनुसार ही धारण किया जाना जरुरी होता है। आइये जानते है की मोती रत्न कितने रत्ती का पहनना चाहिए
मोती रत्न कितने रत्ती का पहनना चाहिए
ज्योतिष में रत्नशास्त्र के अनुसार मोती 6 से 10 कैरट का धारण करना चाहिए। अब यह कैसे निर्धारित किया जाये की कितने कैरट का मोती धारण करें, तो इसका जवाब है की आपकी कुंडली में चंद्र ग्रह की स्तिथि कैसी है, वह कुंडली में कितना कमजोर, अशुभ या नीच का हो रहा है, यह देखना जरुरी होता है और उसी के अनुसार ही मोती का वजन निर्धारित किया जाता है।
दूसरे नियम के अनुसार किसी भी पुरुष को 6 से 8 कैरट का मोती और महिला को 5 से 6 कैरट का मोती धारण करना ही चाहिए।
जब भी मोती धारण करें यह जान लें की मोती सिर्फ चांदी की धातु में ही धारण करें और उसे सोमवार की संध्या सूरज ढलने के बाद अपने सीधे हाथ को सबसे छोटी ऊँगली (कनिष्ठा) में धारण करना चाहिए।
मोती धारण करते समय यह भी ध्यान रखें की मोती उच्च क्वालिटी का हो और शुभ दिन और समय में ही धारण किया जाना चाहिए। धारण करने से पहले मोती की पूजा अर्चना और चंद्र मन्त्र का कम से कम 108 बार जाप करने के बाद ही धारण किया जाए। क्योंकि जब तक मोती पूजा और मन्त्र जप से सिद्ध और अभिमंत्रित नाही होगा तब तक मोती निष्क्रिय रहेगा और उसका कोई भी लाभ प्राप्त नहीं होगा।
ज्योतिष के नियम के अनुसार मोती धारण करने के दिन से ढाई वर्षों तक ऊर्जावान रहता है, उसके बाद मोती की दोबारा प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद धारण किया जाना चाहिए, अगर मोती घिस गया है तो उसे बदल लें।